Advertisement

विश्व संगीत दिवस: संजय लीला भंसाली - भारतीय संगीत की आत्मा के संरक्षक

संजय लीला भंसाली हिंदी सिनेमा में एक मजबूत ताकत के रूप में खड़े हैं, जो अपनी फिल्मों के जरिए संगीत के...
विश्व संगीत दिवस: संजय लीला भंसाली - भारतीय संगीत की आत्मा के संरक्षक

संजय लीला भंसाली हिंदी सिनेमा में एक मजबूत ताकत के रूप में खड़े हैं, जो अपनी फिल्मों के जरिए संगीत के सार को असल रूप देते हैं। एक ऐसे युग में जहां ट्रेंड और फैशन लगातार संगीत को नया रूप दे रहा हैं, वहीं संजय लीला भंसाली ट्रेडिशनल इंडियन म्यूजिक के संरक्षक रहे हैं, जो पुराने को नए के साथ लेकर चले है। भारतीय संगीत की समृद्ध विरासत के लिए उनकी गहरी समझ और सराहना के साथ, उन्होंने एक स्थायी विरासत तैयार की है और खुद को हिंदी सिनेमा में संगीत के सबसे मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित किया है।

 

अपने शानदार करियर के दौरान दिग्गज संजय लीला भंसाली ने लगातार भारतीय संगीत के प्रति अपने गहरे प्यार को प्रदर्शित किया है, जिससे उसकी टाइमलेस सुंदरता को बरकरार रखा जा सके। उनकी हर फिल्म में एक म्यूजिकल टेपेस्ट्री होती है जो सुनने वाले को एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहां भावनाएं प्रबल होती हैं और संगीत की ताकत गहराई से गूंजती है।

 

भंसाली साहब की फिल्मों के आइकोनिक गाने, म्यूजिक पर उनकी महारत और पारंपरिक भारतीय धुनों के सार को संरक्षित करने के उनके समर्पण का एक प्रतीक बन गए हैं। चाहे वह हम दिल दे चुके सनम का "आंखों की" हो, "देवदास" का "डोला रे डोला" हो, राम लीला का "ततड़ ततड़" हो, या बाजीराव मस्तानी का "मोहे रंग दो लाल" हो, या फिर "पद्मावत" का "बिंते दिल" ही क्यों न हो, उनके गानों की जटिलताओं और काव्यात्मक लीरिक्स ने सुनने वालों को हमेशा आकर्षिक किया है। भंसाली जी का संगीत एंटरटेनमेंट से कहीं बढ़कर होता है, यह एक अनुभव बन जाता है जो दर्शकों को एक ऐसी दुनिया में ले जाता है जहां भावनाओं को म्यूजिक के जरिए सुकून का एहसास मिलता है।

 

भंसाली की खासियत यह है कि उनकी अद्वितीय रचनाओं को बनाने की क्षमता के साथ-साथ वे पारंपरिक भारतीय वाद्ययंत्रों का भी ध्यान रखते हैं। सितार, सारंगी, तबला और बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों का उपयोग करके उनकी संगीत रचनाओं में परंपरा और नवीनता का मेल करते हैं। इससे उनकी संगीत हमेशा चर्चित बनती है।

 

सिनेमा जगत के दिग्गजों में गिने जाने वाले संजय लीला भंसाली भारतीय फिल्म विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी हैं और आज 'वर्ल्ड म्यूजिक डे' के मौके पर हम उन्हें सेलिब्रेट करते हैं जो भारतीय संगीत के दिल और आत्मा को बढ़ावा देने का निरंतर समर्थन करते हैं, जो आने वाले सालों तक संजोया और मनाया जाएगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad