मोदी सरकार ने कोरोना काल के कारण पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को दोबारा गति प्रदान करने के लिए आज आत्मनिर्भर 3.0 पैकेज योजना की घोषणा की और कोरोना काल में जिनकी नौकरी चली गयी थी उनके लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का ऐलान किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करते हुये कहा कि इस नये पैकेज में 12 योजनाओं की घोषणायें की जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल के आंकडे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं । अक्टूबर में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.05 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया है ।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है ताकि नये रोजगार का सृजन हो सके ।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने भी तीसरी तिमाही में ही अर्थव्यवस्था के सकारात्मक गति पकड़ने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तर पर है। एफपीआई का निवेश भी सकारात्मक रहा है । विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है । रेलवे में माल ढुलाई में 20 फीसदी वृद्धि हुई है । इसी क्रम में बैंक कर्ज वितरण में 5 फीसदी की बढ़त हुई।
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है ।
-उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के तहत 61 लाख लोगों ने लाभा उठाया है और अब इस स्कीम की अवधि 31 मार्च 2021 तक बढ़ायी जा रही है। इसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं और 2.05 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की मंजूरी दी गई है । उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है ।
उन्होंने कहा कि मोबाइल विनिर्माण और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए पहले की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन की घोषणा की जा चुकी है और कल 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये की पीएलआई की घोषणा की गयी है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाये गये कदमों से मजदूरों को काफी फायदा हुआ है। इसी तरह किसानों को राहत देने के प्रयासों का भी अच्छा नतीजा आया है।