रेलवे सूत्रों ने बताया कि रेलवे में संरक्षा को बेहतर बनाने, विद्युतीकरण, लाइन दोहरीकरण और यार्ड आधुनिकीकरण के लिए राशि में उल्लेखनीय वृद्धि किए जाने की संभावना है। हालांकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु को क्षमता विस्तार के काम के लिए बजटीय संसाधनों (ईबीआर) पर निर्भर रहना होगा और वह संसाधन जुटाने की अपनी योजनाओं के बारे में 2016-17 के रेल बजट विस्तृत ब्योरा रखेंगे।
चूंकि वित्त मंत्रालय से रेलवे को सकल बजटीय समर्थन (जीबीएस) रेलवे की उम्मीदों के अनुरूप होने की संभावना कम है, ,ऐसे में परियोजनाओं के लिए ज्यादातर वित्त पोषण ईबीआर (बजटेतर स्रोतों) से होगा।
सूत्रों ने कहा, ‘रेलवे केवल वित्तीय रूप से व्यावहारिक परियोजनाओं का ही क्रियान्वयन करेगा। जो परियोजनाएं वित्तीय रूप से व्यावहारिक नहीं हैं लेकिन आर्थिक एवं सामाजिक रूप से वांछनीय हैं, उन्हें राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये क्रियान्वित किया जाएगा। प्रभु ने 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को संयुक्त उद्यम के रास्ते रेल परियोजनाएं लेने के लिए पत्र लिखा है। महाराष्ट्र, ओडि़शा, केरल, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों ने संयुक्त उद्यम बनाने के लिए रेलवे के साथ सहमति पत्र पर दस्तखत किए हैं।’
हालांकि नई ट्रेन शुरू किए जाने की घोषणा लगातार दूसरे वर्ष नहीं किए जाने की संभावना है, लेकिन प्रीमियम उच्च गति वाली मालगाडि़यों के लिए योजना की घोषणा बजट में की जा सकती है। कमाई में कमी को देखते हुए रेलवे अधिक किराये वाले कई विशेष ट्रेनों की घोषणा कर सकता है। वास्तव में यह किराया बढ़ाने का परोक्ष तरीका है। रेलवे ने अब तक 136,079.26 करोड़ रुपये की कमाई की है जो 141,416.05 करोड़ रुपये के लक्ष्य से 3.77 प्रतिशत कम है।
उपनगरीय क्षेत्रों के लिए रेल बजट में मुंबई में एसी उपनगरीय ट्रेन शुरू किए जाने की घोषणा की जाएगी। इस योजना को दूसरे क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है। प्रभु 25 फरवरी को पेश किए जाने वाले अपने दूसरे रेल बजट में स्टेशनों तथा ट्रेनों को स्वच्छ रखने तथा पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिये समन्वित प्रयासों के बारे में ब्योरा रखेंगे। रेल बजट में सेवाओं में सुधार के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी रेखांकित किया जाएगा।