अगले वित्त वर्ष के आम बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से चर्चाओं का दौर शुरू करेगी। उद्योग संगठन, किसान संगठन और अर्थशास्त्रियों सहित विभिन्न पक्षों से प्रीबजट चर्चा शुरू की जाएगी। सरकार की कोशिश होगी कि देश में खपत और मांग बढ़ाकर अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज की जा सके।
एक फरवरी को पेश हो सकता है बजट
सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट अगले साल एक फरवरी संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों के अनुसार प्रीबजट चर्चाएं सोमवार से शुरू होंगी और 23 दिसंबर तक जारी रहेंगी। सूत्रों के अनुसार बजट पूर्व चर्चाओं का मुख्य फोकस अर्थव्यवस्था में तेजी लाने पर होगा। देश की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही छह साल के सबसे निचले स्तर 4.5 फीसदी पर रह गई।
उद्योग संगठनों से मांगे सुझाव
वित्त मंत्रालय के अनुसार सीतारमण सोमवार को सुबह नई अर्थव्यवस्था के स्टार्टअप्स, फिनटेक और डिजिटल सेक्टर के प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगी। दोपहर वह वित्तीय क्षेत्र और कैपिटल मार्केट के प्रतिधियों से बातचीत करेंगी। उद्योग सूत्रों के अनुसार सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निजी िनवेश पर नियामकीय माहौल के प्रभाव, निर्यात प्रतिस्पर्धा, भुगतान में देरी और अनुबंध में राज्य की भूमिका और निजी निवेश और ग्रोथ सुधारने पर सुझाव मांगे हैं। वित्त मंत्री 19 दिसंबर को उद्योग संगठनों से परामर्श कर सकती हैं।
आयकर में राहत की संभावना
सरकार कॉरपोरेट टैक्स में पहले ही काफी कटौती कर चुकी है। अब संभावना है कि व्यक्तिगत आयकर ढांटे में बदलाव करके सरकार वेतनभोगियों को राहत दे सकती है। उद्योग संगठनों ने मांग की है कि सेवाओं और वस्तुओं की मांग को बढ़ावा देने के लिए आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाए।
वित्त मंत्रालय ने बजट की तैयारियां पहले ही शुरू कर दी है। उसने तमाम मंत्रालयों और विभागनों से उनके व्यय की योजनाएं मांगी हैं। राजकोषीय घाटे जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए बाजार की नजर बजट पर लगी है।