रेल मंत्री सुरेश प्रभु 26 जनवरी को रेल बजट पेश करने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर उन्होंने यात्री किराया बढ़ाने के संकेत तो दिए हैं लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसी योजनाएं लागू करने और सुविधाएं बढ़ाने के भी संकेत दिए हैं जो शायद पहले किसी रेल बजट में न हुआ हो। इसके अलावा रेलवे में उन्होंने निजी निवेशकों को भी आमंत्रित करने का खाका तैयार कर रहे हैं। आइए जानते हैं साल 2015-2016 के रेल बजट में आपके लिए क्या-क्या खास आकर्षण हैं
वित्तीय और तकनीकी उन्नतीकरण पर जोर
रेल मंत्री ने रेलवे की वित्तीय एवं तकनीकी दशा-दिशा सुधारने के लिए कुछ अन्य स्रोतों से निवेश बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने विदेशी पेंशन निधि और दूसरे संस्थानों से निवेश जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। रेलवे के निजीकरण से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे का संचालन दायित्व रेल मंत्रालय के हाथों में ही रहेगा।
नौ रूटों पर चलेंगी हाई स्पीड ट्रेनें
रेल मंत्रालय ने इस साल के अंत तक आठ रूटों पर हाई स्पीड ट्रेनों का ट्रायल रन शुरू करने का एलान किया है जिनमें से दो रूट दिल्ली से जुड़े हैं। दिल्ली से आगरा रूट पर ट्रायल रन जुलाई में ही हो चुका है जबकि नए रेल बजट में दिल्ली-चंडीगढ़ और दिल्ली- कानपुर के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए नवंबर से ट्रायल रन शुरू हो जाएगा। मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की पायलट परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है।
105 नई ट्रेनों का एलान संभव
रेलवे लगातार अपना नेटवर्क बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और इस साल के रेल बजट में 105 नई ट्रेनों और रेल नेटवर्क में 25 हजार नए कोच जोड़ने की घोषणाएं संभव है। कुछ लाइनों का दोहरीकरण और कुछ स्थानों पर नई लाइनें बिछाने की घोषणा की जा सकती है।
अंडरग्राउंड स्टेशन भी बनेंगे
रेल मंत्री ने कुछ स्टेशनों पर अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने के संकेत दिए हैं। मंत्रालय चाहता है कि भूमिगत स्टेशन बनाने का काम उसी कंपनी को दिया जाएगा जिसके पास मेट्रो के अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने का अनुभव है और जो उस जमीन पर व्यावसायिक इस्तेमाल के भवन बना सकता है। ये सभी अंडरग्राउंड स्टेशन सिंगापुर और शिकागो की तर्ज पर बनाए जाएंगे और इसके लिए वहीं के निवेशकों को आमंत्रित किया जा सकता है।
निवेश बढ़ाने के लिए प्रायोजित ट्रेनें और स्टेशन
रेल मंत्रालय से एक समिति ने सिफारिश की है कि रेलवे में निवेश बढ़ाने के लिए ट्रेनों और स्टेशनों के नाम भी परिवर्तित किए जा सकते हैं। अगर यह सिफारिश मान ली जाती है तो बहुत संभव है कि आप पटना या कानपुर स्टेशनों के नाम किसी कंपनी के नाम पर देखने लग जाएंगे। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉर्पोरेट ब्रांडिंग अभियान और अन्य कार्यक्रमों से रेलवे को तकरीबन आठ हजार करोड़ रुपये की आमदनी हो सकती है।
हवाई अड्डों की तरह सुरक्षा पहल
जाड़े या कुहासे के दिनों में यात्रियों को असुरक्षा और देरी की समस्या से जूझना पड़ता है। लिहाजा मौसम बैज्ञानिकों ने सिफारिश की है कि सड़कों और रेल मार्गों पर भी हवाई अड्डों की तरह फॉग वार्निंग प्रणाली होनी चाहिए।