कैब सेवा प्रदाता ओला के बाद इसके प्रतियोगी उबर इंडिया ने भी 600 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं। कंपनियां आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। इस बीच उबर इंडिया ने मंगलवार को कहा कि वो अपने 600 कर्मचारियों निकालने का फैसला लिया है। जिसमें ड्राइवर, बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग, और दूसरे विभागों से जुड़े हुए लोग हैं। यह देश में 2,400 कर्मचारियों का एक चौथाई है।
गौरतलब है कि कंपनी ने ग्लोबल रिस्ट्रक्चरिंग करने की घोषणा की थी। भारत में जो कमर्चारियों की छंटनी की गई है, यह उसी का एक हिस्सा है। पूरे देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन घोषित किया गया है। लिहाजा कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है। ओला द्वारा 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा के कुछ दिनों बाद ही उबर ने यह फैसला लिया है। क्योंकि लॉकडाउन के दौरान राजस्व दो महीनों में 95 प्रतिशत गिर गया है।
10-12 सप्ताह की सैलरी दी जाएगी
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि जिन कर्मचारियों की छंटनी की गई है उन्हें 10-12 सप्ताह की सैलरी दी जाएगी। साथ ही उनको अगले छह महीने तक मेडिकल बीमा दिया जाएगा। इसके अलावा कंपनी निकाले गए कर्मचारियों को दूसरी जगह जॉब देने में भी मदद करेगी।
कर्मचारियों के लिए दुखद दिन: उबर
उबर इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसीडेंट प्रदीप परमेश्वरण ने कहा कि तकरीबन 600 कर्मचारियों को निकालने का निर्णय लिया है। जिसमें ड्राइवर, राइडर सपोर्ट जैसे कर्मचारी शामिल हैं। उबर परिवार और कंपनी को छोड़ने वाले कर्मचारियों के लिए आज यह एक दुखद दिन है। अभी हमने जो फैसला लिया है, भविष्य में हम आत्मविशअवास के साथ आगे बढ़ सकते हैं। परमेश्वरण ने अपने बयान में आगे कहा है कि जो कर्मचारी आज से नौकरी छोड़ रहे हैं मैं उनसे माफी चाहता हूं। मैं उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूं जो हमसे जुड़े रहे।
वैश्विक स्तर पर 6,700 कर्मचारियों को निकाला
कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक उबर वैश्विक स्तर पर 6,700 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुका है।