ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह इस वक्त एक ऐसे मसले की जांच कर रही है, जिसमें कथित तौर पर उसके प्लेटफॉर्म का उपयोग मारिजुआना (गांजा) की बिक्री के लिए किया गया था। कम्पनी के एक अधिकारी के मुताबिक, शनिवार को मध्य प्रदेश में भिंड पुलिस ने एक ऑनलाइन मारिजुआना बिक्री रैकेट का भंडाफोड़ किया। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया और 20 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ जब्त किया गया।
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि एमेजॉन कंपनी गांजे की तस्करी में 66% से अधिक बिक्री का हिस्सा लेती थी। हालांकि एमेजॉन के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इस मुद्दे के बारे में हमें सूचित किया गया है और हम इसकी जांच कर रहे हैं। हम इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने के लिए जांच अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जरूरी पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन देते हैं।’’
कम्पनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कंपनी इसका पता लगा रही है कि किसी विक्रेता ने नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया। कंपनी ने यह भी साफ किया है कि अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से वह प्रतिबंधित सामानों की डिलीवरी नहीं करती।
वहीं एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह देखने के लिए साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं कि क्या इस प्रकार के नशीले पदार्थों के लेनदेन को मंच प्रदान करने के लिए कंपनी पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
बता दें कि भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना पर कल्लू पवैया (30) और ढाबा मालिक बृजेंद्र तोमर (35) को शनिवार को भिंड ग्वालियर रोड से गिरफ्तार कर 20 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।उन्होंने कहा, "कल्लू विशाखापत्तनम से एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स फर्म के माध्यम से ग्वालियर, भोपाल, कोटा, आगरा और देश के अन्य क्षेत्रों में मारिजुआना मंगवाता था। बृजेंद्र ने व्यवसाय में उसकी मदद की।"कल्लू अब तक एक टन प्रतिबंधित सामग्री बेच चुका है और 1.1 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुका है।
सिंह ने कहा, "कल्लू ने फर्जी नाम से पैन और जीएसटी नंबर आदि के साथ अपनी कंपनी चलाई। ई-कॉमर्स फर्म को अवैध कारोबार से 66.66 प्रतिशत लाभ मिला। हम धारा 29 (आपराधिक का हिस्सा) नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की साजिश) के तहत ई-कॉमर्स कंपनी पर मुकदमा चलाने के लिए सबूत एकत्र कर रहे हैं। “
वहीं व्यापारियों के संगठन कैट ने सोमवार को कहा कि मारिजुआना रैकेट की घटना एक गंभीर अपराध है और मध्य प्रदेश पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को भी इस गंभीर मुद्दे को उठाना चाहिए।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि यह मुद्दा हवा में न जाए। इसमें कहा गया है कि यह देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है क्योंकि इसी तरह अवैध हथियार या अन्य अवैध गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा सकता है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि मध्य प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को एनडीपीसी अधिनियम और आईपीसी के तहत अमेजॉन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और भारत में एमेजॉन के संचालन और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए।