सोमवार यानी आज भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जहां सेंसेक्स 2200 अंकों की उछाल के साथ 81,900 के करीब पहुंच गया। हालांकि, इस उत्साहजनक माहौल के बीच फार्मा सेक्टर में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.05% गिरकर 20,640.40 पर बंद हुआ, जबकि अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में रहे।
गिरावट के प्रमुख कारण
इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाओं की कीमतों में 30% से 80% तक की कटौती की योजना की घोषणा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका "मोस्ट फेवर्ड नेशन" प्राइसिंग नीति अपनाएगा, जिससे अमेरिकी नागरिकों को दवाएं उन देशों के समान कीमत पर मिलेंगी, जहां ये सबसे सस्ती हैं।
भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए अमेरिका एक बड़ा बाजार है, जहां वे जेनेरिक दवाओं का निर्यात करती हैं। ट्रंप की इस घोषणा से इन कंपनियों की आय पर असर पड़ने की आशंका है।
प्रमुख कंपनियों पर असर
सन फार्मा के शेयर 7% गिरकर ₹1,623.60 पर आ गए।
ऑरोबिंदो फार्मा के शेयर 3.8% गिरकर ₹1,119.90 पर बंद हुए।
बायोकॉन के शेयर 3.6% गिरकर ₹317.90 पर पहुंचे।
लुपिन और ग्लेनमार्क के शेयरों में भी लगभग 3% की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की इस नीति से अमेरिकी बाजार में दवाओं की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे भारतीय कंपनियों की मुनाफाखोरी पर असर पड़ेगा। विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और मुनाफे की मार्जिन घट सकती है।
हालांकि, बाजार में अन्य सेक्टर्स जैसे आईटी, बैंकिंग और ऑटोमोबाइल में तेजी देखने को मिली, लेकिन फार्मा सेक्टर की गिरावट ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। आने वाले दिनों में ट्रंप की नीति के लागू होने के तरीके और भारतीय कंपनियों की रणनीतियों पर नजर रखना जरूरी होगा।