फिच रेटिंग्स ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 5.6% से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से निवेश और निर्यात प्रभावित होगा। वहीं, बैंक ऑफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने भी वैश्विक आर्थिक मंदी के गहराते खतरे के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 48 घंटे में दो बार घटा दिया है। बता दें कि इससे पहले फिच ने दिसंबर 2019 में अनुमान जताया था कि 2020-21 के लिए भारत की विकास दर 5.6 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.5 प्रतिशत रहेगी।
कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती रहेगी
फिच ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य 2020 में कहा कि आने वाले सप्ताहों में कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती रहेगी लेकिन इसके बहुत अधिक तेजी से फैलाव को रोकने में कामयाबी मिलेगी। इसके बावजूद आर्थिक परिदृश्य नकारात्मक हैं। फिच ने कहा कि आपूर्ति पक्ष से व्यवधानों के चलते व्यावसायिक निवेश और निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है।
बैंक ऑफ अमेरिका ने भी घटाया अनुमान
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अनुमान को 0.90 प्रतिशत घटा कर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप से निवेश और निर्यात प्रभावित होगा। इससे पहले फिच ने दिसंबर 2019 में अनुमान जताया था कि 2020-21 के लिए भारत की विकास दर 5.6 प्रतिशत और अगले वर्ष 6.5 प्रतिशत रहेगी।
बैंक ऑफ अमेरिका ने फिर अनुमान घटाया
बैंक आफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने वैश्विक आर्थिक मंदी के गहराते खतरे के बीच भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 48 घंटे में दो बार घटाया है। बैंक आफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के अनुमान को 0.90 प्रतिशत घटा कर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। इसी तरह उसने पूरे वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि के अनुमान को पूरे एक प्रतिशत कम कर के 4.1 प्रतिशत पर रखा है। बुधवार को बैंक आफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने अप्रैल-जून 2020-21 की जून तिमाही की वृद्धि दर के अनुमान को 0.80 अंक घटा कर 4 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की वर्तमान मार्च में समाप्त हो रही तिमाही के अनुमान को 4.30 प्रतिशत से घटा कर चार प्रतिशत कर दिया था।
चीन की वृद्धि 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान, अमेरिका को भी नुकसान
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्यूरिटीज ने बुधवार को अगले पूरे वित्त वर्ष के वृद्धि के अनुमान को भी 5.1 प्रतिशत रखा था। इसने बुधवार को अनुमान लगाया था कि कोरोना वायरस संकट के चलते वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2020 में गिर कर इस बार 2.2 प्रतिशत पर आ जाएगी, लेकिन अब इसे घटा कर मात्र 0.4 प्रतिशत कर दिया है। इसने इस वर्ष चीन की वृद्धि 1.5 प्रतिशत रहने और अमेरिका के जीडीपी में 0.8 प्रतिशत का संकुचन होने का अनुमान लगाया है।
रेपो में एक प्रतिशत की कमी कर सकता है आरबीआई
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्यूरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में अपनी नीतिगत ब्याज (रेपो) में एक प्रतिशत की कमी कर सकता है। इस रपट में अनुमान है कि भारत में वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति गिर कर 2.5 प्रतिशत पर आ जाएगी। इसमें अच्छे विदेशी मुद्रा भंडार की बदौलत भारतीय रुपये विनिमय दर के मजबूत रहने का अनुमान लगाया गया है।