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वैश्विक मुश्किलों के बावजूद आगे बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था: जेटली

प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों और मुश्किलों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अभी आगे बढ़ने में कामयाब है। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कही। भारतीय उद्योगपतियों की दुबई आयोजित एक सभा में जेटली ने कहा कि पहले आर्थिक संकट 10-15 साल में एक बार असर दिखाते थे, लेकिन अब ये जल्दी जल्दी आने लगे हैं।
वैश्विक मुश्किलों के बावजूद आगे बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था: जेटली

जेटली दो दिन की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर रविवार को यहां पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘ऐसी परिस्थितियों में भारत को अपनी ऊंचाई खुद हासिल करनी है। प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भारत अभी भी अपने आपको आगे रखने में कामयाब रहा है। प्रमुख क्षेत्रों में सुधार और निवेश का हमारा एजेंडा तैयार है।’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने निवेश के लिए और क्षेत्रों को खोला है।

उन्होंने कहा, ‘आप हमेशा अंतर्मुखी ही नहीं बने रह सकते। भारत का एक पक्ष जो बहुत प्रभावित हुआ है, वह है निर्यात और ऐसा वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण हुआ। हमारे सामने मुश्किलें हैं। हमारे यहां पिछले दो साल मानसून की स्थिति भी खराब रही है। भारत में ऊंची आकांक्षा रखने वाले युवा वर्ग के विस्तार के साथ रोचक बदलाव आ रहा है। हम ऐसी स्थिति में हैं जो विश्व के कई हिस्सों से उलट है। हमारे यहां काफी संख्या में मानव संसाधन है जो विश्व भर में प्रवासियों का बड़ा समूह तैयार कर रहा है।’

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले 20 साल में भारतीय मूल के लोगों की संख्या विश्व भर में काफी अधिक बढ़ने वाली है। भारतीय मूल के लोग अपने नए देशों के अच्छे निवासी बन रहे हैं और भारत की वृद्धि से भी खुश हैं। भारतीयों की दृढ़ता और स्पष्टता बढ़ रही है और यह बढ़ती रहेगी। कच्चे तेल की कीमत में नरमी से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है क्योंकि इससे तेल कंपनियों को नुकसान समाहित करने और देश को मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में कमी से सरकार को सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने में मदद मिली। इससे हमारी तेल कंपनियों को उन नुकसान को समाहित करने में मदद मिली जो भावी खरीद से होनेवाली थी। इससे मुद्रास्फीति भी नियंत्रण में रही और रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दर कम करने में मदद मिली। इससे हमें ईंधन पर अधिभार बढ़ाने में भी मदद मिली जिसका उपयोग बुनियादी ढांचा निर्माण के किया जाएगा। पिछले कुछ महीनों के दौरान तेल की कीमत से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ।

उन्होंने कहा कच्चे तेल में नरमी का अर्थ यह भी है कि उत्पादक देशों से धन उपभोक्ता देशों को प्रभावी तरीके से हस्तांतरित हो। वित्त मंत्री की यहां की यात्रा का लक्ष्य है संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को भारत के आकर्षक मौकों की ओर लुभाना। जेटली ने कहा जहां तक निवेश के मौके का सवाल है एक चीज साफ करनी है कि निवेश जरूर आना चाहिए लेकिन यह सिर्फ प्रवेश का दरवाजा खोलने से ही नहीं आता। उन्होंने कहा निवेश तब आता है जबकि निवेशक देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा करते हैं और जब उन्हें लगता है कि उनका निवेश सुरक्षित है और इससे पर्याप्त मुनाफा मिलेगा।

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