वित्त मंत्री ने वर्ष 2018 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई और कहा कि उभरते बाजार संरक्षणवाद की अंतर्मुखी नीतियों एवं बढ़े भूराजनीतिक तनाव के रूप में नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
पूरे देश में और खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की मजबूती पर जोर देते हुए सरकार ने आज कहा कि देश में 76 हजार ग्राम पंचायतों तक आॉप्टिकल फाइबर केबल बिछ चुकी है और दिसंबर 2018 तक देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्वबैंक ने नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के बारे में अपने अनुमान को घटा दिया है पर उसके अनुसार अब भी यह सात प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। पहले का अनुमान 7.6 प्रतिशत था। साथ ही विश्वबैंक ने यह भी कहा है कि आने वाले वर्षों में देश की वृद्धि अपनी तेज लय पकड़ लेगी और 7.6 और 7.8 प्रतिशत के स्तर को पुन: प्राप्त कर लेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माना है कि केंद्र में अपनी सरकार के पहले बजट के समय उनके सामने यह विकल्प था कि वह देश की अर्थव्यवस्था की असलियत के बारे में एक श्वेत पत्र लाकर जनता को यह बताते कि आर्थिक हालत कितनी खराब है।
भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और केंद्रीय वित्त मंत्री के अलग-अलग विचार बुधवार को एक बार फिर सबके सामने आ गए जब राजन ने दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थ के तमगे को लेकर लोगों से उन्माद में नहीं आने की बात कही।
वैश्विक चुनौतियों के कारण भारत की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 7.4 प्रतिशत रह जाएगी लेकिन अपेक्षाकृत अधिक सुधार से देश को विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। यह बात आज एशियाई विकास बैंक ने कही।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) और पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से जारी भारतीय डायरेक्ट सेलिंग उद्योग पर वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बताया गया है कि साल 2019-20 तक डायरेक्ट सेलिंग उद्योग लगभग 237 मिलियन तक पहुंच सकता है।
सालाना 7 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर से आगे बढ़ते भारत में अगले दस साल के दौरान विश्व की सबसे तेज विकसित अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत अगले दस साल में अपने दक्षिण एशियाई प्रतिद्वंद्वी चीन से आगे निकल जाएगा जहां की अर्थव्यवस्था लगातार सुस्त पड़ती जाएगी।