भारत के निर्यात में गिरावट का रुख अगले साल थमने की संभावना है लेकिन ग्लोबल स्तर पर संरक्षणवाद बढ़ने से अनिश्चितता के कारण निर्या की ग्रोथ रेट धीमी रहने की संभावना है।
पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात वैल्यू में घटा
वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने कहा है कि निर्यात में मौजूदा गिरावट मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादनों के निर्यात में सुस्ती के कारण है। कुल निर्यात में इनकी हिस्सेदारी करीब 13.42 फीसदी है। पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य में गिरावट आने के कारण वैल्यू के लिहाज से निर्यात में गिरावट दिखाई दे रही है।
इन क्षेत्रों के निर्यात में भी सुस्ती
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स, ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल जैसे पारंपरिक उत्पादों का निर्यात बेहतर है। आगे भी इसमें अच्छी ग्रोथ मिलने की उम्मीद है। अगस्त 2019 से भारत का निर्यात लगातार गिर रहा है। यह गिरावट मुख्य तौर पर पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और जेम्स एंड ज्वैलरी में दर्ज की जा रही है। लेबर इंटेंसिव सेक्टर जैसे कारपेट, रेडीमेड गारमेंट, हैंडलूम और लेदर गुड्स में भी वृद्धि दर बहुत धीमी है।
अगले साल सुधरेगा विश्व व्यापार
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अनुसार चालू वर्ष में ग्लोबल मर्केंडाइज ट्रेड सिर्फ 1.2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। अप्रैल में वृद्धि दर 2.6 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी। इस तरह ग्लोबल ट्रेड में भारी कमी आने की संभावना है। अगले साल 2020 में विश्व व्यापार की वृद्धि दर सुधरकर 2.7 फीसदी हो सकती है।