सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आज जारी आंकड़ों के अनुसार सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के हिसाब से 2016-17 की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि 7.1 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.3 प्रतिशत थी। जीडीपी वृद्धि दर के जीवीए आधारित आंकड़े में सकल वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री आय शामिल होती है पर उससे सब्सिडी निकाल दी जाती है। जीवीए संसाधनों की लागत के आधार पर की जाती है जबकि जीडीपी में कर जुड़ जाता है जबकि सब्सिडी निकाल दी जाती है।
आंकड़े के अनुसार जिन क्षेत्रों में जुलाई-सितंबर तिमाही में 7.0 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी है, उसमें लोक प्रशासन, रक्षा तथा अन्य सेवाएं, वित्त, बीमा, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाएं, विनिर्माण तथा व्यापार एवं परिवहन तथा संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं।
कृषि, वानिकी और मत्स्यन, खनन तथा निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 1.8 प्रतिशत, शून्य से नीचे 0.4 प्रतिशत तथा 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भाषा