विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि वैश्विक व्यापार में 2020 में एक तिहाई गिरावट आने की आशंका है। डब्ल्यूटीओ ने एक बयान में कहा, ‘‘विश्व व्यापार में 2020 में 13 प्रतिशत से 32 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी के कारण सामान्य आर्थिक गतिविधियां तथा जीवन के बुरे तरीके से प्रभावित होना है।” डब्ल्यूटीओ ने अपने बयान में कहा कि इस अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट की वजह से व्यापार प्रभावित होगा। वहीं, कोविड-19 की वजह से यूरोपीय संघ की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश जर्मनी और फ्रांस घोर मंदी का सामना कर रहेे हैंं। कोरोना वायरस महामारी की वजह से उत्पादन दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के दूसरी तिमाही में लगभग 10 प्रतिशत तक गिरने की आशंका है।
कोविड-19 की वजह से व्यापार की गति धीमी
डब्ल्यूटीओ के प्रमुख रॉबर्टो अजेवेदो ने वैश्विक मंदी की चेतावनी देते हुए कहा कि हम गहरी मंदी के भंवर में जा सकते हैं। अपने मुख्य वार्षिक पूर्वानुमान में, 164 सदस्यीय डब्ल्यूटीओ ने बताया कि 2019 में कोविड-19 की वजह से व्यापार की गति धीमी हो चुकी है। वायरस ने पिछले साल के अंत से अब तक लगभग 1.4 मिलियन लोगों को संक्रमित किया है, जिससे 80,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। दुनिया की आधी से अधिक जनता घरों में कैद है। जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां बंद है। अनिश्चितता की स्थिति के कारण इस साल लगभग सभी क्षेत्रों के व्यापार में दोहरे अंक से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
1970 से भी भीषण मंदी में जर्मनी
1970 के शुरु में जर्मनी में होने वाली मंदी के बाद साल 2008-2009 में दूसरी तिमाही में वित्तीय संकट आया था। लेकिन इस बार संकट उससे भी कह रहा है और मंदी उससे भी भीषण रहने की आशंका है।
फ्रांस में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा मंदी
वहीं, फ्रांस की जीडीपी ग्रोथ 1945 के बाद साल 2009 में -2.2 फीसदी थी। लेकिन इस साल ग्रोथ रेट -2.2 फीसदी से भी कम रहने के आसार हैं। हालांकि,इस संकट से कंपनियों को निकालने के लिए फ्रांस सरकार ने अपनी गारंटी वाले 45 बिलियन यूरो (49 बिलियन अमरीकी डॉलर) का कर्ज देने का वादा किया है।