देश की लगातार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्ता को गति देने के लिए सरकार घरेलू मांग बढ़ाने के प्रयास में जुट गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा है कि घरेलू उपभोग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सकती है। इसलिए सरकार उपभोग को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है।
कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
सुब्रमण्यम ने पिछले छह साल का सबसे निचले स्तर पर पहुंची आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए सरकार द्वारा पिछले महीनों में उठाए गए कदमों का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की है ताकि कंपनियों के जोखिम के उनका लाभ सुधारा जा सके और उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
फाइनेंस कंपनियों को 4.47 लाख करोड़ रुपये के कर्ज
उन्होंने बताया कि सरकार ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण और रियल्टी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए फंडिंग देने के भी कदम उठाए हैं। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को 4.47 लाख करड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए गए हैं ताकि वे ग्राहकों को कर्ज प्रदान कर सके। आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत 7657 करोड़ रुपये के 17 प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ाया
सुब्रमण्यम ने कहा कि पूंजीगत व्यय के लिए 3.38 लाख करोड़ रुपये के बजट प्रस्ताव में से 66 फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है। रेलवे और राजमार्ग मंत्रालय 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय कर लेंगे।
बैंकों ने उद्योगों को दिए गए
बैंकों ने 27 नवंबर तक रेपो रेट लिंक्ड 70,000 करोड़ रुपये के आठ लाख से ज्यादा कर्ज मंजूर किए हैं। सरकारी बैंकों को 60,314 करोड़ रुपये पूंजी दी गई हैं। बैंकों ने कंपनियों को 2.2 लाख करोड़ रुपये और छोटे और मझोले उद्योगों को 72,985 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए हैं।