केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आज जारी अनुमानों के अनुसार 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 7.6 प्रतिशत रहेगी जो इससे पिछले वर्ष 7.2 प्रतिशत थी। इससे पहले इससे अधिक गति से वृद्धि 2010-11 में हुई थी जबकि जीडीपी वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत थी। वर्ष 2015 में चीन की जीडीपी वृद्धि 6.9 प्रतिशत रही जबकि रूस की अर्थव्यवस्था 3.7 प्रतिशत संकुचित हुई। ब्राजील में भी 3.7 प्रतिशत संकुचन का अनुमान है।
सीएसओ के मुताबिक, 2015-16 की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि 7.3 प्रतिशत रही। सीएसओ ने अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाहियों की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर क्रमश: 7.6 प्रतिशत तथा 7.7 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जारी आंकड़ों में इनके क्रमश: 7.0 प्रतिशत तथा 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। चालू वित्त वर्ष की वृद्धि के 7.6 प्रतिशत रहने के ताजा अनुमान ने वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और कई बहुराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है।
भारतीय उद्योग जगत ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि में सुधार का रुख दिख रहा है और वर्ष 2015-16 में वृद्धि दर पांच साल के उच्च स्तर 7.6 प्रतिशत रहने के अनुमान के साथ उम्मीद है कि आगामी दिनों में वृद्धि की गति और बढ़ेगी। औद्योगिक संगठन फिक्की ने कहा, पिछले 18 महीनों में अपनाए गए सुधारवादी उपायों से अर्थव्यवस्था वृद्धि की पटरी पर आई है। चालू वित्त वर्ष में कृषि और विनिर्माण क्षेत्राें में सुधार का अनुमान उत्साहजनक है। हमें निकट भविष्य में वृद्धि दर में और तेजी आने की उम्मीद लगती है। पीएचडी चैंबर ने भी कहा कि नरम वैश्विक परिदृश्य के बावजूद जीडीपी की यह वृद्धि उत्साहजनक है और आगामी दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विकास की बेहतर संभावनाएं हैं।