कंपनी के खिलाफ यह कार्रवाई उन दवाओं की आनलाइन बिक्री के मामले में की गई है जो दुकानदार द्वारा डॉक्टर का नुस्खा देखने के बाद ही ग्राहक को बेची जा सकती हैं। एफडीए आयुक्त हर्षदीप कांबले ने कहा कि एफडीए की चेतावनी तथा अपनी ओर से इस तरह की बिक्री रोकने का हलफनामा दिए जाने के बावजूद स्नैपडील इन दवाओं को बेचते हुए पाई गई। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट व अमेजन जैसी अन्य प्रमुख ई-कामर्स कंपनियों के खिलाफ भी जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह भी इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त हैं।
एफडीए से इस आशय का आदेश मिलने के तुरंत बाद नवी मुंबई पुलिस ने स्नैपडील, बहल व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। एफडीए ने इस संबंध में पिछले महीने यहां स्नैपडील कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे। कंपनी के खिलाफ शिकायतें थी कि वह अपने पोर्टल के जरिए नुस्खे की शर्त वाली दवाओं सहित अन्य दवाएं बेच रही है। कांबले ने संवाददाताओं को बताया कि एफडीए ने सभी सम्बद्ध लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है जिनमें स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल, कंपनी के अन्य निदेशक व दवाओं के वितरक शामिल हैं।
इस बारे में संपर्क करने पर स्नैपडील के प्रवक्ता ने कहा, इस मामले में हम, जांच में एफडीए टीम का सहयोग कर रहे हैं और करते रहेंगे। हम उत्पादों व सम्बद्ध वितरकों को पहले ही पोर्टल से हटा चुके हैं और भुगतान भी रोक दिया गाया है। इसके अलावा हम एफडीए को सभी जरूरी सूचनाएं उपलब्ध करा रहे हैं।