रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गोवा में पीटीआई से कहा, दोनों सरकारों के स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा, जो सौदे पर बातचीत शुरू करेगी। बातचीत मई में किसी समय शुरू होगी और हमें इसे जितना जल्दी संभव हो पूरा करना होगा। उन्होंने हालांकि इस बहुचर्चित सौदे को लेकर कोई समय सीमा तय करने से इंकार करते हुए कहा, चूंकि यह सरकार से सरकार के बीच होने वाली प्रक्रिया है इसलिए सौदा जल्द होगा। फ्रांस के रक्षा मंत्री के बातचीत की औपचारिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए छह मई को नई दिल्ली आने की संभावना है।
पर्रिकर ने कहा, वह औपचारिकताएं तय करने और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के मकसद से आ रहे हैं। हम आगे की बातचीत में सीधे शामिल नहीं रहेंगे। दोनो सरकारों ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समिति नियुक्त कर दी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति समयबद्ध तरीके से बातचीत पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में देशों के साथ काम करने की प्रक्रिया सुनिर्धारित है। पर्रिकर ने कहा, हम अमेरिका, इस्राइल और रूस सहित कई देशों के साथ सरकार से सरकार के स्तर पर काम कर रहे हैं।
हम पूर्व में फ्रांस के साथ पहले भी काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह सौदा चूंकि महत्वपूर्ण है इसलिए बातचीत के पहलुओं पर सरकारों द्वारा विचार किया जाएगा और समिति के लिए नियमावली रक्षा मंत्रालय द्वारा निर्धारित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान छह अरब डॉलर की कीमत के 36 राफेल विमान खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।