नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस के सह संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने कहा है कि लाल फीताशाही और अन्य मुद्दों के चलते कंपनी सरकारी परियोजनाओं में बिल्कुल भी मुनाफा नहीं कमा सकी।
भुगतान में विलंब और परियोजना के बीच में जरूरतों में बदलाव जैसे मुद्दों को रेखांकित करते हुए इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि सरकारी परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं के समान उपबंधों को रखे जाने की जरूरत है ताकि भारतीय कंपनियों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके और डिजिटल इंडिया जैसे अभियान सफल हों। मूर्ति ने सीएनबीसी टीवी-18 को बताया, मुझे इन्फोसिस के बारे में मालूम है... इन्फोसिस ने एक भी परियोजना एेसी नहीं की जहां उसे घाटा न हुआ हो.. यह सच्चाई है।
उन्होंने कहा कि कम मूल्य, भुगतान में विलंब, समय पर साफ्टवेयर स्वीकार नहीं करना, परियोजना के बीच में जरूरतों में बदलाव, जरूरतें बताने में पर्याप्त समय नहीं देना और कुछ मामलों में भ्रष्टाचार। ये एेसे मुद्दे हैं जिनका सामना कंपनी को सरकारी परियोजनाओं पर काम करने के दौरान करना पड़ा। उन्होंने कहा, यदि इन चीजों को ठीक कर दिया जाए तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पूरा का पूरा आईटी उद्योग डिजिटल इंडिया को सफल बनाने में सरकार के पीछे लग जाएगा।