प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बुनियादी विकास और ग्रामीण विकास पर सरकारी निवेश से पांच ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था में दोबारा रफ्तार पकड़ने और उच्च विकास दर हासिल करने की मजबूती बरकरार है। उन्होंने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए उद्योग घरानों से साहसिक निवेश फैसले करने का भी आग्रह किया।
कंपनियों पर अनुचित कार्रवाई नहीं होगी
उद्योग संगठन एसोचैम के कार्यक्रम में मोदी ने कंपनियों के उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने जैसे सरकार के फैसलों का उल्लेख किया और आश्वासन दिया कि कंपनियों के वाजिब फैसलों के लिए उनके खिलाफ कोई अनुचित कार्रवाई नहीं की जाएगी।
मौजूदा सुस्ती से उबारने के प्रयास करेंगे
उन्होंने कहा कि धीमी अर्थव्यवस्था लेकर हो रही चर्चाओं के बारे में उन्हें ज्ञात है। वह इन टिप्पणियों को चुनौती नहीं देना चाहेंगे। लेकिन वह इस चुनौती से बाहर निकलकर आगे बढ़ने के लिए प्रयास अवश्य करेंगे। उन्होंेने कहा कि अगले कुछ वर्षों में बुनियादी विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर 25 लाख करोड़ रुपये व्यय होंगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था 2024 तक दोगुनी करके पांच ट्रिलियन डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
यूपीए कार्यकाल में भी सुस्त थी रफ्तार
मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में विकास दर एक ितमाही में घटकर 3.5 फीसदी पर रह गई थी। जबकि खुदरा महंगाई 9.4 फीसदी और थोक महंगाई 5.2 फीसदी पर पहुंच गई थी। उस समय राजकोषीय घाटा 5.6 फीसदी पर था। मोदी सरकार के कार्यकाल में जुलाई-सितंबर 2019 में विकास दर छह साल के न्यूनतम स्तर 4.5 फीसदी पर रह गई। मैन्यूफैक्चरिंग और खपत में सुस्ती का दौर बना हुआ है।
सुस्त रफ्तार पर पहले कुछ लोग क्यों चुप थे
मोदी ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि विकास दर जब हर तिमाही में गिर रही थी, उस समय कुछ लोग चुप थे लेकिन वह इस पर सवाल नहीं उठाएंगे। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास दर में इस तरह का उतार-चढ़ावा आता रहता है। लेकिन देश की अर्थव्यस्था में इन चुनौतियों से उबरकर आगे बढ़ने की क्षमता है।
फिच ने विकास दर अनुमान घटाकर 4.6 फीसदी किया
मोदी के आत्मविश्वासी बयान के विपरीत आर्थिक विकास दर में फिलहाल कोई सुधार आने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। हालांकि उसने भारत की लांग टर्म फॉरेन करेंसी इश्यूर डिफॉल्ट रेटिंग (आइडीआर) बीबीबी- पर बरकरार रखा। उसने भारत का आउटलुक भी स्थिर रखा है। फिच ने कहा है कि मौद्रिक और राजकोषीय नीति में उदारता और ढांचागत उपायों से विकास दर सुधरकर 2020-21 में 5.6 फीसदी और उसके बाद 6.5 फीसदी हो सकती है।