5 अगस्त 2025 को तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा में बड़ा बदलाव करते हुए डॉ. काकोली घोष दस्तीदार को पार्टी का नया चीफ व्हिप नियुक्त किया है। यह फैसला वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी के अचानक इस्तीफे के बाद लिया गया। बनर्जी का इस्तीफा पार्टी के भीतर चल रहे मतभेदों और खासतौर पर महुआ मोइत्रा से हुई तीखी नोकझोंक के बाद सामने आया। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हुई एक वर्चुअल मीटिंग में ममता बनर्जी ने सांसदों की लोकसभा में कम उपस्थिति और समन्वय की कमी पर नाराजगी जताई थी, जिसके बाद कल्याण बनर्जी ने खुद को पद से हटाने का फैसला लिया।
महुआ मोइत्रा और कल्याण बनर्जी के बीच विवाद तब गहरा गया जब मोइत्रा ने उन्हें कथित तौर पर 'सुअर' कहा। बनर्जी ने इसे अपमानजनक बताते हुए पार्टी नेतृत्व से कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई औपचारिक कदम न उठने पर उन्होंने नाराज होकर इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के सांसद सदन में समय पर नहीं आते, जबकि उन्हें व्हिप के तौर पर जवाबदेह ठहराया जाता है।
डॉ. काकोली घोष दस्तीदार बारासात से चार बार की सांसद हैं और पार्टी की वरिष्ठ नेताओं में शुमार की जाती हैं। उनके पास लंबे समय से संगठनात्मक अनुभव है और ममता बनर्जी के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। इसके साथ ही साताब्दी रॉय को लोकसभा में पार्टी का उपनेता नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि ये बदलाव अभिषेक बनर्जी की टीम को मजबूत करने और पार्टी में अनुशासन लाने के मकसद से किए गए हैं। काकोली और साताब्दी, दोनों की छवि अनुशासित और समर्पित नेताओं की रही है, जिससे नेतृत्व को भरोसा है कि लोकसभा में पार्टी की उपस्थिति और भूमिका को मजबूती मिलेगी।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस अब किसी भी तरह की अंदरूनी कलह को सुलझाने में देरी नहीं कर रही है। ममता बनर्जी के लिए संसद में प्रभाव बनाए रखना जितना जरूरी है, उतना ही आंतरिक अनुशासन भी। काकोली घोष दस्तीदार की नियुक्ति इसी दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।