जयपुर में आयोजित 'टेक्निवेट फ़ॉर इंडिया' कार्यक्रम में भारत के शीर्ष उद्यमियों, नवप्रवर्तकों और उद्योग जगत के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा देना और नवाचार के माध्यम से देश को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाना था।
कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता, आईएएस अधिकारी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने नवाचार और मानवता के बीच संतुलन की आवश्यकता पर गहन विचार साझा किए। उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ती उद्यमशीलता परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में 116 यूनिकॉर्न और अनगिनत स्टार्टअप्स हैं, जो इसे वैश्विक उद्यमिता का केंद्र बनाते हैं।
हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सफलता केवल आर्थिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अरबों डॉलर के मूल्यांकन से परे सोचें और रिश्तों, मानसिक शांति और संतुलन को प्राथमिकता दें।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, "सफलता खोखली है यदि वह मानवता, मानसिक स्वास्थ्य या समुदाय की कीमत पर आती है।" उन्होंने दर्शकों को प्रेरित किया कि वे भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EQ) को तवज्जो दें, जो आईक्यू से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, सच्चे सफल उद्यमी वे हैं, जो अपने कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक शांति का ख्याल रखते हुए अपने उद्देश्यों को प्राप्त करते हैं।
इस कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए।
Thrillophilia के सह-संस्थापक अभिषेक डागा ने सतत पर्यटन की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी मदद करता है। वहीं, Talrop के सीओओ जोन्स जोसेफ ने भारत की उद्यमिता यात्रा को गति देने में सहयोग की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. अग्रवाल ने प्रौद्योगिकी और एआई-आधारित समाधानों के योगदान पर भी बात की। उन्होंने चैटजीपीटी का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे नवाचार और समस्या समाधान में ऐसी तकनीकें नए मानदंड स्थापित कर रही हैं। उन्होंने स्टार्टअप्स से अपील की कि वे समाज की वास्तविक समस्याओं को पहचानें और उनके लिए प्रभावी समाधान तैयार करें।
टेक्नोवेट फ़ॉर इंडिया ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान तकनीकी और उद्यमिता के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए तैयार है। इस कार्यक्रम ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा दी और नवाचार की अगली लहर को प्रेरित किया।
डॉ. अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को उद्देश्य से जोड़ें और नवाचार को मानवता के हित में उपयोग करें। यह आयोजन न केवल भारत के उद्यमशीलता परिदृश्य को मजबूत करने का प्रमाण है, बल्कि देश को भविष्यवादी और समावेशी नवाचार के रास्ते पर अग्रसर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ है।