विजन इंपैक्ट इंस्टीट्यूट के अनुसार, दुनिया के 720 करोड़ लोगों में से आज 250 करोड़ लोगों की पहुंच दृष्टि ठीक करवाने वाली जगह तक अब भी नहीं है। भारत की बात करें तो यहां के लगभग 55 करोड़ लोग यूआरई से पीडि़त हैं। एसिलर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का एक प्रभाग 2.5 एनवीजी इंडिया (न्यू विजन करेक्शन) भारत भर में अपनी अनोखी परियोजना आई मित्र (संस्कृत में आंखों का मित्र) ऑप्टिशियन के जरिए ग्रामीण उद्यमशीलता के अनूठे समावेशी बिजनेस मॉडल की शुरुआत कर रही है। आई मित्र ऑप्टिशियन ग्रामीण उद्यमिता है जो छोटे ऑप्टिकल आउटलेट के जरिए अपना परिचालन करता है। प्रमुख रूप से यह अपना कारोबार गांव में करता है और प्रति महीने 10-12 शिविर लगा कर आस-पड़ोस के समुदाय की नजरों की जांच करता है। ये शुरुआती नजर की जांच के लिए प्रशिक्षित होते हैं। लोगों को चश्मा उपलब्ध कराते हैं और जटिल रोग वाले मरीजों को आसपास के अस्पतालों, आंखों के डॉक्टर/ऑप्टोमेट्रिस्ट को रेफर करते हैं। आज भारत के 15 राज्यों में 1,800 आई मित्र ऑप्टिशियन हैं। 2020 तक 2.5 एनवीजी का लक्ष्य 10,000 आई मित्र ऑप्टिशियन तैयार करने का है जो देश भर के तीन करोड़ लोगों की आंखों की जांच करेंगे। इसका उद्देश्य देश में लोगों को पहुंच योग्य और सस्ता विजन केयर उपलब्ध कराना है।
आई मित्र ऑप्टिशियन प्रोजेक्ट के जरिए 2.5 एनवीजी न केवल विजन केयर को प्रोत्साहित कर रही है बल्कि कौशल विकासके साथ-साथ स्व-रोजगार को भी बढ़ावा दे रही है। साथ ही स्थानीय स्तर पर ग्रामीण युवाओं को नया कौशल भी सिखा रही है। 2.5 एनवीजी इस महान पेशे के जरिए महिलाओं और महिला आई मित्र ऑप्टिशियन को प्रोत्साहित कर अपने बराबरी के लोगों की तुलना में ज्यादा सशक्त और इज्जतदार महसूस करा रही है। सामाजिक तौर पर यह प्रोजेक्ट शहर में रोजगार के लिए लोगों के जाने के रुझान को घटा रहा है। साथ ही आई मित्र ऑप्टिशियन के साथ-साथ जिन लोगों को वे लाभ पहुंचाते हैं उन दोनों के जीवन स्तर में सुधार आ रहा है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें आईग्लास तक पहुंच की दूरी पाटने के लिए विभिन्न सेक्टरों के सहयोग की महत्ता पर प्रकाश डाला गया है। आईग्लास फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट- ब्रिजिंग द विलुअल डिवाइड, जून 2016: रिपोर्ट में 2.5 एनवीजी के आई मित्र ऑप्टिशियन प्रोजेक्ट को स्थायी ऑप्टिकल शॉप और विजन सेंटर के लिए बेस्ट प्रैक्टिस मॉडल माना गया है।