राजस्व बढ़ाने के लिए आयकर विभाग की नजर अब तेजी से उभरते ई-कॉमर्स कारोबार पर है। ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से दी जा रही कई तरह की सेवाओं पर आयकर का शिकंजा कस सकता है। विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक तौर पर आकलन रिपोर्ट तैयार की है। आॅनलाइन पोर्टलों की विभिन्न व्यावसायिक सेवाओं के लिए विभाग ने स्रोत पर कटौती यानी टीडीएस की एक विशेष श्रेणी बनाई है। जिसके तहत इन आॅनलाइन सेवाओं के लिए होने वाले भुगतान पर यह कटौती की जाएगी।
आयकर विभाग की नीति निर्माता इकाई केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने इस बारे में विशेष रणनीतिक कार्ययोजना तैयार की है ताकि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व वसूली को बढ़ाया जा सके। बोर्ड ने कर अधिकारियों से भी कहा है कि इस तरफ विशेष ध्यान दें। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ई-रिटेल अथवा ई-कामर्स कर राजस्व जुटाने के लिहाज से नया व्यवसाय है। तेजी से उभरते इस क्षेत्र में पैसे का काफी लेनदेन हो रहा है। विभाग ने इस संबंध में कुछ रभुाान तैयार किये हैं और तय किया गया है कि बेहतर टीडीएस वसूली के लिये बहुप्रचलित इस आॅनलाइन क्षेत्र में पूरी गंभीरता के साथ संभावनाओं का दोहन किया जाए।