एक अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत में उन्होंने कहा दुनिया में ऐसी कोई भी अर्थव्यवस्था नहीं है जिसे कैशलेस कहा जा सके। विकसित देशों में जहां खूब ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस होते हैं वहां भी लेन-देन में काफी मात्रा में नकदी का इस्तेमाल होता है। बिना नकदी के वहां भी काम नहीं चल पाता। इसलिए देश में खासकर ग्रामीण भारत में कैशलैस इकॉनॉमी की स्थिति में पहुंचना अभी बेहद मुश्किल होगा। हालांकि उनका मानना है कि भुगतान के लिए अन्य विकल्पों की ओर बढ़ना अच्छा कदम है लेकिन नकदी अभी महत्वपूर्ण रहेगी।
नोटबंदी के कदम की सराहना करते हुए आदि गोदरेज ने कहा कि वह कई कारणों से इस कदम का समर्थन करते हैं। मध्यम और दीर्घावधि में यह देश के लिए अच्छा होगा। नोटबंदी से कालेधन पर अंकुश लगेगा। काले धन का लेन-देन करने में हतोत्साहित होंगे। एक बार जब 1 अप्रैल 2017 से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू हो जायेगा तो काले धन पर तेजी से अंकुश लगेगा क्योंकि अप्रत्यक्ष कर चोरी की गुंजाइश ही नहीं बचेगी। भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जाली करंसी की समस्या खत्म होगी। आतंकवाद और नक्सल घटनाओं पर अकुंश लगेगा।
रियल एस्टेट, एफएमसीजी, रिटेल और पर्सनल केयर क्षेत्र तक फैले गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोदरेज ने प्रत्यक्ष कर की दर कम करने की वकालत भी की।
एजेंसी