शुक्रवार को जारी थोक व्यापार के आंकड़े अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर लेकर आए। इससे पहले जून महीने में खुदरा महंगाई दर में भी अनुमान से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई और यह सालाना दर पर 1.54 प्रतिशत पर पहुंच गया। पांच साल में पहली बार खुदरा महंगाई की रफ्तार इतनी धीमी पड़ी है।
ईंधन की थोक महंगाई दर मई के 11.69 फीसदी से घटकर 5.28 फीसदी रही है। खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर में भी काफी गिरावट देखी जा सकती है। यह -1.25 फीसदी रही है जो मई में 0.15 फीसदी के स्तर पर थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की थोक महंगाई दर मई के 2.55 फीसदी से घटकर 2.27 फीसदी पर आ गई है।
जून माह में आलू की कीमतों में 47.32 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं दाल की कीमतों में 25.47 फीसदी और प्याज की कीमतों में 9.47 फीसदी की गिरावट आई है।
खुदरा महंगाई और अब थोक महंगाई के मोर्चे पर मिल रही अच्छी खबर के बाद रिजर्व बैंक पर आगामी 2 अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों में कटौती का दबाव होगा।