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जीएसटी के रेवेन्यु में आई गिरावट के बाद 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेगी सरकार

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रेवेन्यु में आई गिरावट ने सरकार को कर्ज लेने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने...
जीएसटी के रेवेन्यु में आई गिरावट के बाद 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेगी सरकार

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के रेवेन्यु में आई गिरावट ने सरकार को कर्ज लेने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2018 में बाजार से 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज लेने का ऐलान किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सरकार यह कर्ज निश्चित अवधि वाली प्रतिभूतियों के माध्यम से लेगी।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक 26 दिसंबर तक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कुल 3.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। बयान में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर सरकार के कर्ज कार्यक्रम की समीक्षा के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में 'बाजार से अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला किया है।

बता दें कि चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकार ने सकल और शुद्ध बाजार कर्ज का क्रमश: 5,80,000 करोड़ रुपए और 4,23,226 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था। इसमें से 3,48,226 करोड़ रुपए का सरकारी सिक्युरिटीज से तथा 2,002 करोड़ रुपये टी-बिल्स से जुटाने थे।

बता दें कि नवंबर में जीएसटी के तहत 80 हजार 800 करोड़ की वसूली हुई जो पिछले 4 महीने में सबसे कम है।

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