दरअसल, एयर इंडिया ने मध्य जून से ही अपने इस फैसले पर अमल करना शुरु कर दिया है यानि इकोनॉमी-क्लास में नॉन-वेज परोसना बंद कर दिया है। इस खबर की जानकारी देते हुए एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने बताया, ‘हमने सभी घरेलू उड़ानों पर इकोनॉमी क्लास की सीटों में शाकाहारी भोजन की सेवा देने का फैसला किया है’।
उन्होंने बताया कि कंपनी ने खर्च और लागत में कटौती का फैसला लेते हुए वेज और नॉन-वेज भोजन को एक साथ रखने पर रोक लगा दी है। पिछले कुछ समय में ऐसा कई बार हुआ जब एक शाकाहारी यात्री को नॉन-वेज भोजन परोस दिया जाता है। नॉन-वेज भोजन की सेवा बिजनेस व एक्सिक्यू़टिव क्लास के लिए जारी रहेगी।
वहीं, कुछ हफ्ते पहले खबर थी कि कंपनी खर्च और लागत में कटौती को लेकर अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इकॉनमी श्रेणी के यात्रियों को खाने में सलाद नहीं परोसने के बारे में विचार कर रही है। इसके अलावा लागत घटाने के लिए वह विमान में रखी जाने वाली पत्रिकाओं की संख्या कम करने के बारे में सोच सकती है.
गौरतलब है कि गत वर्ष कुछ यात्रियों को शाकाहारी भोजन चुनने के बावजूद नॉन-वेज भोजन परोसे जाने के बारे में शिकायत करने के बाद एयर इंडिया की एक शंघाई-दिल्ली-मुंबई उड़ान पर एक झड़प भी हुई थी। एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस निर्णय से सुस्त पड़ रही एयरलाइन को 8 करोड़ की वार्षिक बचत होगी। वहीं, एयर इंडिया के कार्यकारी ने कहा कि एयर इंडिया अब हर साल अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर खानपान पर 400 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।