कोरोना वायरस का प्रकोप जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है दुनिया में मंदी की आशंका भी वैसे ही गहराती जा रही है। अर्थशास्त्री तो अब यह भी कह रहे हैं कि कोरोना के असर से जो मंदी आएगी वह 2008 की मंदी से भी ज्यादा विनाशकारी होगी। उनका कहना है कि शॉर्ट टर्म में जो नुकसान होगा उसे तो रोका नहीं जा सकता लेकिन सरकारें राहत उपायों की घोषणा जल्दी करके दीर्घकाल में होने वाले नुकसान को सीमित कर सकती हैं, क्योंकि अभी कोई नहीं कह सकता कि यह संकट कब खत्म होगा। अमेरिका समेत दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने अरबों डॉलर के पैकेज की घोषणा की है लेकिन भारत में सरकार की तरफ से अभी तक ऐसे किसी बड़े ऐलान का इंतजार है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ प्रक्रियागत उपायों का ऐलान किया और कहा कि पैकेज की घोषणा बाद में की जाएगी।
23 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्योग जगत को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन जारी रखने, जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने, कर्मचारियों को यथासंभव घर से काम करने की अनुमति देने, कर्मचारियों की छंटनी न करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी माना कि पर्यटन, कंस्ट्रक्शन और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर ज्यादा प्रभावित हुए हैं, अनौपचारिक क्षेत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि सरकार इंडस्ट्री की मदद के लिए क्या कर रही है।
फेड रिजर्व ने किया है डेढ़ लाख करोड़ डॉलर की तरलता का उपाय
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने कई उपायों की घोषणा की है। वह करीब डेढ़ लाख करोड़ डॉलर के पैकेज की भी घोषणा करने वाला है। बीमारी पर नियंत्रण के लिए 8.3 अरब डॉलर के फंड को मंजूरी दी है। इसके अलावा फेडरल रिजर्व ने तरलता बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड़ डॉलर के उपायों का ऐलान किया है। उसने ब्याज दरों में भी बड़ी कटौती करते हुए रेपो रेट को शून्य के करीब ला दिया है। इंग्लैंड ने कंपनियों को राहत देने के लिए 424 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की है। यह पैकेज सरकार की गारंटी वाले लोन ग्रांट और टैक्स में कटौती के रूप में होंगे। इंग्लैंड ने कहा है कि वह बेरोजगार होने वालों के वेतन के 80 फ़ीसदी के बराबर भुगतान करेगा। कनाडा अपनी जीडीपी के 3 फ़ीसदी के बराबर पैकेज लाने पर विचार कर रहा है। पोलैंड ने 52 अरब डॉलर के पैकेज की घोषणा की है जो उसकी जीडीपी का 9 फ़ीसदी है। चेकोस्लोवाकिया ने 40 अरब डॉलर के पैकेज का ऐलान किया है। ईसीबी ने 18 मार्च को 820 अरब डॉलर की स्कीम का ऐलान किया। इसके तहत सरकारी और कॉरपोरेट बांड खरीदकर लिक्विडिटी बढ़ाई जाएगी। जर्मनी ने कंपनियों के लिए सरकार की गारंटी वाले 550 अरब यूरो के कर्ज की घोषणा की है। यह शॉर्ट टर्म वर्क अलाउंस भी देगा। फ्रांस ने 300 अरब, इटली ने 340 अरब यूरो, स्पेन ने 100 अरब यूरो के पैकेज का ऐलान किया है। जो पैकेज घोषित किए गए हैं उनमें कंपनियों को कर्ज पर सरकार की गारंटी, कर्ज भुगतान में कुछ दिनों के लिए छूट, टैक्स में कटौती, बेरोजगार हुए लोगों को सीधे रकम का भुगतान, घर या कार जैसे लोन के भुगतान में कुछ दिनों के लिए छूट शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा था- पैकेज का ऐलान जल्द किया जाएगा
भारत में अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से ऐसे किसी बड़े पैकेज का ऐलान नहीं किया गया है। 21 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब राष्ट्र के नाम संबोधन किया था तब उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में टास्क फोर्स के गठन की बात कही थी। इसके बाद वित्त मंत्री की तरफ से अभी तक सिर्फ इतना कहा गया है कि पैकेज का ऐलान जल्द से जल्द किया जाएगा। विभिन्न उद्योग संगठनों ने अपनी तरफ से मांगें,भी सरकार के सामने रखी हैं लेकिन अभी तक किसी उपाय की घोषणा नहीं हुई है।
केरल सरकार ने की है 20,000 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा
सबसे पहले केरल सरकार ने 19 मार्च को 20 हजार करोड़ का पैकेज घोषित किया जिसमें मुफ्त में अनाज का वितरण और 2 महीने की पेंशन का अग्रिम भुगतान शामिल है। रोजगार गारंटी के तहत 2000 करोड़ रुपए, जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त में अनाज देने के लिए 100 करोड़ रुपए और राज्य में पहले से चालू गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण योजना कुटुंबश्री के तहत 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। टैक्स में छूट के उपायों की घोषणा की गई है। इनमें सिनेमा हॉल में लगने वाला एंटरटेनमेंट टैक्स भी शामिल है। यात्री वाहनों की खरीद पर लगने वाले टैक्स में भी राहत दी गई है। ऑटो रिक्शा और टैक्सी के लिए फिटनेस चार्ज की रकम भी कम कर दी गई है। राज्य में 30,000 से ज्यादा लोग आइसोलेशन में हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 500 करोड़ रुपए रखे गए हैं। राज्य के 1,000 होटलों में ₹20 प्रति प्लेट की दर से सस्ता खाना मुहैया कराया जा रहा है इसके लिए 50 करोड़ रखे गए हैं।
रोज कमाने-खाने वालों और पेंशनभोगियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का ऐलान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 21 मार्च को दैनिक वेतन भोगियों के लिए कुछ उपायों की घोषणा की। इनमें कंस्ट्रक्शन कर्मचारी, रिक्शा चालक और पेंशनभोगी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग में रजिस्टर्ड 20.37 लाख कंस्ट्रक्शन कर्मचारियों और 15 लाख ठेले वालों, छोटे दुकानदारों और रिक्शा चालकों को एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे। यह रकम लेबर सेस फंड से दी जाएगी। पैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए लाभार्थियों के बैंक खाते में दिए जाएंगे। अंत्योदय कर्मचारी, मनरेगा कार्डधारक को 1 महीने का राशन मुफ्त में दिया जाएगा। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल मिलेगा। इस श्रेणी के जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है उन्हें उनके राशन कार्ड भी बनवाए जाएंगे। राज्य में करीब 83 लाख वृद्धावस्था, विकलांग और विधवा पेंशनधारी हैं उन्हें अप्रैल महीने में अप्रैल और मई की पेंशन मिलेगी।मनरेगा कर्मचारियों के बकाए का भुगतान मार्च के अंत तक कर दिया जाएगा।
बिहार में मेडिकल स्टाफ को बेसिक वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 मार्च को ऐलान किया कि राज्य के सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को उनके बेसिक वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिनके पास राशन कार्ड है उन्हें 1 महीने का राशन मुफ्त मिलेगा। पेंशनधारियों को 3 महीने की पेंशन एडवांस मिलेगी। जिन इलाकों में लॉक डाउन किया गया है वहां राशन कार्डधारी प्रत्येक परिवार को एक-एक हजार रुपए मिलेंगे।