सुस्त होती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कई उपायों की घोषणा की। इनमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए टैक्स पर सरचार्ज में बढ़ोतरी वापस लेना, इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग प्रोजेक्ट को ज्यादा फंडिंग के लिए अलग बॉडी बनाना, पेट्रोल-डीजल वाहनों पर रजिस्ट्रेशन चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव टालना, जीएसटी की रिटर्न फाइलिंग और रिफंड आसान बनाना शामिल हैं।
इक्विटी ट्रांसफर में कैपिटल गेन पर सरचार्ज नहीं लगेगा
सीतारमण ने कहा कि विदेशी और घरेलू निवेशकों की मांग को ध्यान में रखते हुए एफपीआई पर सरचार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव वापस लिया जा रहा है। यह प्रस्ताव बजट में किया गया था। इक्विटी शेयर ट्रांसफर के मामले में शॉर्ट टर्म और लांग टर्म कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी हटा लिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजी बाजार में निवेश को बढ़ावा देने के मकसद से ये कदम उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि बजट में इन घोषणाओं के बाद शेयर बाजार में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ था। बजट प्रस्ताव के मुताबिक 2-5 करोड़ रुपये तक की आमदनी वालों पर टैक्स की दर 35.88 फीसदी से बढ़कर 39 फीसदी हो गई थी। 5 करोड़ रुपये से ज्यादा आमदनी वालों पर नई टैक्स दर 42.7 फीसदी पहुंच गई थी।
सीएसआर नियमों का उल्लंघन क्रिमिनल अपराध नहीं माना जाएगा
सीतारमण ने कहा कि सीएसआर नियमों के उल्लंघन को आपराधिक मामला नहीं माना जाएगा। सिविल मामलों की तरह इनकी सुनवाई होगी। इसके लिए कंपनी कानून में संशोधन किया जाएगा। कंपनी कानून 2013 में किए गए इस संशोधन को लेकर इंडस्ट्री ने काफी चिंता जताई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार “वेल्थ क्रिएटर” का सम्मान करती है।
आयकर विभाग के सभी नोटिस सेंट्रलाइज्ड होंगे
कॉरपोरेट जगत की एक शिकायत यह थी कि इनकम टैक्स अधिकारी उन्हें जब-तब परेशान करते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि विजया दशमी के दिन से इनकम टैक्स स्क्रूटनी फेसलेस होगी। यानी किसी भी असेसी को आयकर अधिकारी के सामने नहीं जाना पड़ेगा। इसके अलावा असेसी को जितने भी नोटिस या पत्र जारी किए जाएंगे उन पर डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा। बिना इस नंबर के नोटिस को अमान्य माना जाएगा। अगर किसी असेसी को बिना नंबर वाला नोटिस मिलता है तो उसे इसका जवाब देने की जरूरत नहीं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग के लिए फंडिंग बढ़ाने की कोशिश
वित्त मंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग प्रोजेक्ट को फंडिंग बढ़ाने के लिए अलग बॉडी का गठन किया जाएगा। इस बॉडी का नाम अभी तय किया जाना है। घरेलू बांड मार्केट को मजबूत बनाने के लिए रिजर्व बैंक साथ मशविरा करके कदम उठाए जांगे। उन्होंने कहा कि इकोनॉमी में निवेश बढ़ाने के लिए श्रम सुधार और दिवालिया कानून में संशोधन जैसे कदम भी उठाए जाएंगे।
स्टार्टअप और उनके निवेशकों पर एंजेल टैक्स नहीं
स्टार्टअप कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन कंपनियों और इनमें निवेश करने वालों पर एंजेल टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि यह छूट उन्हीं कंपनियों को मिलेगी जो उद्योग संवर्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी के पास स्टार्टअप के तौर पर रजिस्टर्ड होंगी। जिन स्टार्टअप्स को पहले आयकर विभाग की तरफ से नोटिस भेजा गया है उनके निपटारे के लिए सीबीडीटी सदस्य की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।