देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का मुनाफा जून तिमाही में 27फीसदी घट गया। अप्रैल-जून 2019 के दौरान इसे 14355 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। पिछले साल समान अवधि में कंपनी को 19753 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। बिक्री में गिरावट और मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) ज्यादा होने के चलते कंपनी के नतीजे निराशाजनक रहे। इन तीन महीनों में रेवेन्यू 224594 करोड़ से 8.50 फीसदी घटकर 205562 करोड़ रुपए पर आ गया।
जून तिमाही में मारुति की कुल 4,02,594 गाड़ियां बिकीं। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 17.9 फीसदी कम है। घरेलू बाजार में बिक्री 19.3 फीसदी घटकर 3,74,481 रह गई। कंपनी के सीएफओ घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सुस्ती का असर बिक्री पर दिख रहा है। इंडस्ट्री के लिए यह लगातार चौथी तिमाही है जब गाड़ियां कम बिकी हैं। पूरी इंडस्ट्री के लिए यात्री वाहनों की बिक्री 18 फीसदी कम हुई है।
मारुति के सीनियर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एवं सेल्स) आर.एस. कलसी ने बताया कि ग्रामीण बाजार में जो अब तक तेजी दिख रही थी, अब वह भी सुस्ती की चपेट में आ गया है। वहां बिक्री में 17 फीसदी गिरावट आई है। शोरूम में आकर पूछताछ करने वाले भी कम हो गए हैं।
बीएस-6 मानकों पर कलसी ने कहा कंपनी अप्रैल 2020 की डेडलाइन को ध्यान में रखकर काम कर रही है। ज्यादातर मॉडल 2019 के अंत तक बीएस-6 मानक वाले हो जाएंगे। अभी कंपनी के टॉप-5 मॉडल- अल्टो, वैगन-आर, स्विफ्ट, डिजायर और बलेनो बीएस-6 मानक वाली हैं।