भारतीय रेलवे के ढांचे में बड़े बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं। सरकार ने रेलवे बोर्ड का आकार घटाने के साथ इसका ढांचा भी बदल दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके अनुसार रेलवे बोर्ड में आठ सदस्यों के स्थान पर चेयरपरसन सहित पांच सदस्य होंगे। खास बात यह है कि रेलवे के समूचे कामकाज का विभागीय विभाजन पूरी तरह बदल दिया गया है।
रेलवे बोर्ड में अब ये चार विभाग
रेलवे बोर्ड में अभी तक सदस्यों को प्रभार जिन विभागों को दिया जाता है, उनमें ट्रैफिक, रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन और इंजीनियरिंग वगैरह हैं। जबकि नए बोर्ड में चार विभाग होंगे जिनका प्रभार अलग-अलग चार सदस्यों को दिया जाएगा। ये विभाग परिचालन, कारोबारी विकास, मानव संसाधन और बुनियादी ढांचा एवं वित्त होंगे।
रेलवे सेवा का सिर्फ एक कैडर होगा
कैबिनेट के फैसले के अनुसार भारतीय रेले में सिर्फ एक कैडर होगा जिसका नाम होगा इंडियन रेलवे सर्विस। अभी रेलवे के आठ विभिन्न विभागों के लिए आठ कैडर होते हैं। इनमें इंजीनियरिंग, ट्रैफिक, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल शामिल हैं। रेलवे की इन सेवाओं के लिए चयन सिविल सेवा परीक्षा के जरिये होता है।
कंपनीकरण की दिशा में कदम
रेलवे के कंपनीकरण यानी कॉरपोरेटाइजेशन की दिशा में यह एक कदम माना जा रहा है। देश के सबसे बड़े और सबसे पुराने सार्वजनिक उपक्रम के कामकाज में बदलाव पर सरकार तेजी से काम कर रही है। जवाबदेही तय करने और कार्यकुशलता में सुधार के लिए सरकार इसका कॉरपोरेटाइजेशन करने की तैयारी कर रही है।