केंद्रीय कैबिनेट ने बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। विलय के फलस्वरूप बनने वाला बैंक ऑफ बड़ौदा एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार के तहत यह कदम उठाया गया है। देना बैंक और विजया बैंक के सारे कर्मजारी अब बैंक ऑफ बड़ौदा में आ जाएंगे। किसी की सर्विस में कोई बदलाव नहीं आएगा।
शेयरों की अदला-बदली को अंतिम रूप
दूसरी तरफ, बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया बैंक और देना बैंक का खुद के साथ विलय के लिए शेयरों की अदला-बदली अनुपात को अंतिम रूप दे दिया है। विलय की योजना के मुताबिक, विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे।
वहीं देना बैंक के मामले में, उसके शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे। सरकार ने पिछले साल सितंबर में विजय बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ विलय की घोषणा की थी।
विरोध कर रहे हैं कर्मचारी संगठन
बैंक कर्मचारी संगठनों ने इस विलय का विरोध किया है। 26 दिसंबर 2018 को 10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इससे पहले 21 दिसंबर को बैंक अधिकारियों ने भी हड़ताल की थी। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने दावा किया कि विलय बैंकों या उनके ग्राहकों के हित में नहीं, बल्कि दोनों के लिए हानिकारक होगा।