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त्योहारों में महंगे हो सकते हैं इलेक्ट्रॉनिक सामान, जानिए क्या है वजह

त्योहारों के मौसम में अगर आप स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप...
त्योहारों में महंगे हो सकते हैं इलेक्ट्रॉनिक सामान, जानिए क्या है वजह

त्योहारों के मौसम में अगर आप स्मार्टफोन या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप इनकी अधिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हो जाएं। इसके अलावा इनकी उपलब्धता की भी समस्या हो सकती है। स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान में इस्तेमाल होने वाले बहुत से पार्ट्स विदेशों से आयात किए जाते हैं। बीते तीन महीने में ढुलाई का खर्च करीब दोगुना हो गया है। कंपनियों का कहना है कि शिपिंग खर्च बढ़ने के कारण वे प्रोडक्ट के दाम बढ़ाने को मजबूर हैं। स्मार्टफोन कंपनियों ने इस साल की शुरुआत में भी दाम बढ़ाए थे।

दूसरी समस्या उपलब्धता की है। जो इलेक्ट्रॉनिक्स सामान भारत में बनते हैं, उनका 60 से 70 फीसदी पार्ट्स चीन से आयात होता है। वहां कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर कर्मचारियों की संख्या कम कर दी गई है। खबरों के मुताबिक कम से कम 15 एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर 30 से 70 फीसदी क्षमता का ही इस्तेमाल हो पा रहा है। इस वजह से चीन से आयात में काफी समय लग रहा है

कार मैन्युफैक्चरिंग पर भी असर

कोरोना के चलते दुनियाभर में कार मैन्युफैक्चरिंग पहले ही कम चल रही है। यहां भी पार्ट्स की कमी का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया में सबसे अधिक वाहन बनाने वाली कंपनी टोयोटा ने सितंबर में जापान स्थित 14 प्लांट में शटडाउन की घोषणा की है। इससे वहां कंपनी का उत्पादन करीब 40 फीसदी कम हो जाने के आसार हैं। उत्तर अमेरिका और दूसरे देशों में भी कंपनी अपने प्लांट कुछ समय के लिए बंद रखेगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सवैगन ने भी इसी तरह की कटौती की आशंका जताई है

पिछले साल से बनी हुई है चिप की समस्या

दरअसल चीन के अलावा मलेशिया जैसे देशों में भी कोविड-19 नए सिरे से फैल रहा है। इससे वहां चिप बनाने वाली कंपनियों में उत्पादन घट गया है। दुनिया भर में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा चिप का निर्यात मलेशिया से ही होता है। ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए चिप की समस्या पिछले साल से बनी हुई है।

एक तो कोरोना के चलते उत्पादन कम हो गया है और दूसरे वर्क फ्रॉम होम और लॉकडाउन के कारण कंप्यूटर, वीडियो गेम कंसोल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की मांग बढ़ गई। उन दिनों मंदी की आशंका के चलते ऑटोमोबाइल कंपनियों ने चिप का ऑर्डर देना कम कर दिया था। वाहनों में ऑडियो सिस्टम, स्मार्ट साइड मिरर जैसी जगहों पर चिप का इस्तेमाल होता है।

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