शेयरों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) की तर्ज पर अब सरकारी कंपनियों के बांड के ईटीएफ लाए जाएंगे। यह कंपनियों के लिए फंड जुटाने के नए साधन के रूप में काम करेगा। कैबिनेट ने बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। पहला बांड ईटीएफ इसी महीने जारी किए जाने की संभावना है। इसका नाम भारत बांड ईटीएफ होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश में बांड मार्केट को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
तीन और दस साल के लिए होंगे ईटीएफ, एक्सचेंज पर खरीदे-बेचे जा सकेंगे
ये बांड स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदे-बेचे जा सकेंगे। इसकी एक यूनिट 1,000 रुपये की होगी। इससे छोटे निवेशक भी इसे खरीद सकेंगे। हर ईटीएफ की तय मैच्युरिटी तारीख होगी। फिलहाल इसके लिए तीन साल और दस साल की दो मैच्युरिटी तय की गई है। विनिवेश विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने बताया कि बांड ईटीएफ हर छह महीने में जारी किए जाएंगे। इसका इंडेक्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) तैयार करेगा।
निवेशकों को टैक्स में इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा
ये बांड सरकारी कंपनियों के होंगे, इसलिए इनमें निवेश कमोबेश सुरक्षित रहेगा। एक्सचेंज पर ट्रेडिंग होने के कारण निवेशक जब चाहे इन्हें बेच सकते हैं। टैक्स के मामले में इनमें इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा। इससे निवेशकों को कैपिटल गेन पर टैक्स में फायदा मिलेगा। म्यूचुअल फंडों के संगठन एम्फी के सीईओ एन.एस. वेंकटेश ने बताया कि यह खुदरा निवेशकों के लिए अच्छा मौका है। वे कम पैसे लगाकर अच्छी सरकारी कंपनियों के बांड में निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा इससे कॉरपोरेट बांड मार्केट का भी विस्तार होगा।
ज्यादा लिक्विडिटी के कारण फिक्स्ड मैच्युरिटी प्लान वाले म्यूचुअल फंड से बेहतर
रेटिंग एजेंसी इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट अनिल गुप्ता ने कहा कि ‘एएए’ रेटिंग वाले बांड होने की वजह से इस ईटीएफ में क्रेडिट रिस्क बहुत कम होगा। यह तीन साल वाले फिक्स्ड मैच्युरिटी प्लान वाले म्यूचुअल फंड से बेहतर हो सकता है, क्योंकि सेकंडरी बाजार में इनमें लिक्विडिटी कम होती है। निवेशक जब चाहें इनसे नहीं निकल सकते। इसके विपरीत बांड ईटीएफ से निवेशक जब चाहे निकल सकेंगे।