केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। सऊदी और रूस के बीच चल रहे 'प्राइस वॉर' के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 30 फीसदी तक गिरी है। जिसके चलते भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आई है। अभी लोग पेट्रोल डीजल के गिरते दाम से खुश ही हुए थे कि आज ही सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों पर 3 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। यह बढ़ोतरी 14 मार्च से लागू हो गई है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट से लाभ उठाने की पूरी कोशिश की है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल सस्ता होने की वजह से ये फैसला लिया गया है।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद ये है दाम
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में शनिवार को लगातार 10वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आई है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद भी ग्राहकों के लिए कीमतें थोड़ी कम हुई हैं। पेट्रोल की कीमतें 13 मार्च को दिल्ली-70, कोलकाता-72.70, मुंबई-75.70, चेन्नई-72.71 रुपये थीं तो वहीं, 14 मार्च को कीमत दिल्ली-69.87, कोलकाता-72.57, मुंबई 75.57 और चेन्नई-72.57 रुपये हो गई है।
इसके अलावा डीजल की कीमतें 13 मार्च को दिल्ली-62.74, कोलकाता-65.07, मुंबई-65.68, चेन्नई-66.19 रुपये थीं वो वहीं, 14 मार्च को कीमत दिल्ली-62.58, कोलकाता-64.91, मुंबई-65.51 और चेन्नई-66.02 रुपये हो गई है।
सरकार को होगा 39,000 करोड़ रुपये का फायदा
इस फैसले से अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी से जूझ रही सरकार को अतिरिक्त धन जुटाने में मदद मिलेगी। तीन रुपये की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी की दर 22.98 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। इसी प्रकार डीजल पर एक्साइज दर 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 18.83 रुपये हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार सालाना 39,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमा पाएगी।
आईओसीएल की वेबसाइट के अनुसार, शनिवार को देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी दर्ज की गई है। यानी आज ग्राहकों को एक लीटर पेट्रोल व डीजल के लिए शुक्रवार के मुकाबले कम पैसे चुकाने होंगे।
मोदी सरकार ने कब-कब बढ़ाई ड्यूटी
साल 2014 में पेट्रोल पर टैक्स 9.48 रुपये प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रुपये। नवंबर 2014 से जनवरी 2016 तक केंद्र सरकार ने इसमें नौ बार इजाफा किया। इन 15 सप्ताह में पेट्रोल पर ड्यूटी 11.77 और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ी। इसकी वजह से 2016-17 में सरकार को 2,42,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जो 2014-15 में 99,000 करोड़ रुपये थी। बाद में अक्तूबर 2017 में यह दो रुपये कम की गई। हालांकि इसके एक साल बाद ड्यूटी में फिर से 1.50 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया गया। इतना ही नहीं, जुलाई 2019 में यह एक बार फिर दो रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी गई।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के पीछे ये है वजह
बता दें कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद बढ़ी आशंकाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसकी वजह से भारतीय मुद्रा रुपया भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। ब्रेंट क्रूड पिछले दिनों 34 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा था। जानकारों का कहना है कि कोरोना के चलते आने वाले दिनों में कच्चे तेल में और भी ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है।
रूस और सउदी के बीच प्राइस वॉर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये गिरावट रूस और सउदी अरब के बीच कोरोना वायरस के चलते शुरू हुए प्राइस वार के कारण हुई है। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में 1991 के बाद ये सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है। तेल की मांग कम होने के बाद भी आपूर्ति पहले जैसी ही हो रही है। ऐसे हालात में तेल निर्यातक देशों के संगठन OPEC और सहयोगियों के बीच तेल उत्पादन में कटौती के सिलसिले में बैठक हुई, लेकिन इसको लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
कीमत तय करने का ये है आधार
विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतें क्या हैं, इस आधार पर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। इन्हीं मानकों के आधार पर पेट्रोल और डीजल के दाम रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं।