देशभर में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विपक्षी दलों के भारत बंद के ऐलान के बीच आज एक बार फिर ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 23 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 80 रुपये 73 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं, डीजल 22 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 72 रुपये 83 पैसे प्रति लीटर के दर पर पहुंच गया है।
वहीं, महाराष्ट्र में भी पेट्रोल-डीजल सबसे अधिक दामों पर बिक रहा है। आर्थिक राजधानी मुंबई में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर 23 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। शहर में एक लीटर पेट्रोल 88 रुपये 12 पैसे और डीजल 77 रुपये 32 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।
कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 83 रुपये 61 पैसे, भोपाल में 86 रुपये 47 पैसे, पटना में 86 रुपये 92 पैसे है। वहीं, पटना में एक लीटर डीजल की कीमत 78 रुपये 47 पैसे है।
तेल की बढ़ती कीमतों पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। आज कांग्रेस ने भारत बंद बुलाया है। कांग्रेस के इस बंद में करीब 21 पार्टियां भाग ले रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर टैक्स कम करे और इसे जीएसटी के दायरे में लाए। वहीं, केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति को जिम्मेदार ठहरा रही है।
जानें किन शहरों में क्या है हाल-
शहर |
पेट्रोल की कीमत |
डीजल की कीमत |
दिल्ली |
80.73 रुपये |
72.83 रुपये |
मुंबई |
88.12 रुपये |
77.32 रुपये |
चेन्नै |
83.54 रुपये |
76.64 रुपये |
कोलकाता |
83.61 रुपये |
86.47 रुपये |
क्यों बढ़ रहीं पेट्रोल और डीजल की कीमतें?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार जारी बढ़ोतरी के लिए गिरता रुपया और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट जारी है। कच्चे तेल का दाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है। इसके चलते तेल कंपनियों की लागत में भी इजाफा हो रहा है। इन सब वजहों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।
इससे पहले भी पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई थी बढ़ोतरी
उल्लेखनीय है कि इस महीने से पहले भी पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। साथ ही, लोगों को इन कीमतों की मार को भी झेलना पड़ा था और यह दाम लोगों की जेब पर भारी पड़े थे। अब देखना होगा कि क्या भविष्य में भी यह इसी तरह से बढ़ते रहेंगे या इनमें कुछ राहत देख्ाने को मिलेगी।