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तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी, मुंबई में 90 के पार पहुंचा पेट्रोल का दाम

देशभर में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतों से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। आज यानी शनिवार को...
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी, मुंबई में 90 के पार पहुंचा पेट्रोल का दाम

देशभर में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल की कीमतों से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। आज यानी शनिवार को एक बार फिर तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 18 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 21 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की।

इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 83 रुपये 40 पैसे और डीजल 74 रुपये 63 पैसे प्रति लीटर के रिकॉर्ड दर पर पहुंच गया। वहीं, मुंबई में आज एक लीटर पेट्रोल 90 रुपये 75 पैसे और डीजल 79 रुपये 23 पैसे की दर से बिक रहा है।

 

शुक्रवार को भी तेल की कीमतों में हुआ इजाफा 

 

शुक्रवार को भी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 22 पैसे बढ़कर 83.22 पैसे प्रति लीटर हो गई है और डीजल के दाम 18 पैसे का इजाफा होने के बाद 74.42 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। वहीं, मुंबई में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में 22 पैसे और 19 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। अब मुंबई में पेट्रोल की कीमत 90.57 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल के दाम 79.01 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

 

इससे पहले गुरुवार को भी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दामों में 12-12 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 83 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 74.24 रुपये प्रति लीटर हो गए थे। इसी तरह मुंबई में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 13-13 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके बाद पेट्रोल के दाम 90.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 78.82 रुपये प्रति लीटर हो गए थे।

विपक्ष के निशाने पर केंद्र सरकार

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार निशाने पर है। विपक्षी दल चुनाव से पहले किए गए वादों को याद दिला रहे हैं। साथ ही, विपक्षी पार्टी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने और टैक्स में कटौती की मांग कर रही है। इन सबके बीच सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, जीएसटी के दायरे में लाने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है।

जानें तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव चार साल के ऊपरी स्तर पर चला गया और लगातार तेजी का सिलसिला जारी है। भारत में तेल का दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम से तय होता है, इसलिए कच्चे तेल में मौजूदा तेजी के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। डीजल की कीमत बढ़ने से महंगाई बढ़ने का खतरा रहता है, क्योंकि ट्रांसपोर्ट में डीजल का इस्तेमाल किया जाता है।

 

तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला 1 अगस्त से शुरु हुआ

 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का ये सिलसिला 1 अगस्त से शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। दो-चार दिनों को छोड़ दिया जाए तो हर रोज तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। माना जा रहा है कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का ये सिलसिला थम सकता है।

 

जानें पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा

 

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को घटाने की मांग पर बुधवार को कहा था कि इस तरह की कटौती से लंबी राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी अस्थिरता है।

 

उन्होंने कहा कि ऐसे समय में अगर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क और राज्यों के मूल्य संवर्धित कर (वैट) में कमी का कोई उपाय करती है तो भी उसका असर कुछ दिनों में खत्म हो जाएगा, क्योंकि फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें स्थिर नहीं हैं।

 

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