विनिर्माण एवं कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के दम पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी जो पिछली 15 तिमाहियों की सर्वाधिक है। 2017 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी-मार्च में देश की आर्थिक विकास दर 7.7 फीसदी रही थी।
शुक्रवार को सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक साल 2018-19 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए जीडीपी का आंकड़ा 8.2 फीसदी पर आया है और साल 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी 5.6 फीसदी रही थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के जारी बयान में कहा गया है कि 2011-2012 के स्थिर मूल्यों पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 33.74 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 31.18 लाख करोड़ रुपये था।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रॉस वेल्यू एडेड (जीएवी) ग्रोथ रेट 8 प्रतिशत रही। बता दें कि जीडीपी के जरिए उपभोक्ताओं और मांग के नजरिए से किसी देश की आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर स्पष्ट होती है वहीं इसके उलट जीएवी के जरिए निर्माताओं या आपूर्ति के लिहाज से आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर स्पष्ट होती है।
विनिर्माण और कृषि में अच्छी ग्रोथ
इस बार विनिर्माण सेक्टर में भी अच्छी ग्रोथ दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि की 1.8 फीसदी से बढ़कर 8.7 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। हालांकि खनन सेक्टर की ग्रोथ 0.1 फीसदी ही रह गई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 1.7 फीसदी रही थी।
कृषि क्षेत्र की बात करें तो इसकी ग्रोथ 3 फीसदी से बढ़कर 5.3 फीसदी के स्तर पर आ गई।
मैन्युफैक्चरिंग से मिली ताकत,सर्विस सेक्टर सुस्त
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी ग्रोथ को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से अच्छा-खासा बल मिला है। अप्रैल-जून के दौरान मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ बढ़कर 13.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले समान अवधि में इसमें 1.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।
हालांकि सेवा क्षेत्र में सुस्ती देखी गई, जो एक साल पहले की समान अवधि के 9.5 फीसदी से घटकर 7.3 प्रतिशत रह गई।
वहीं औद्योगिक ग्रोथ को अच्छा बूस्ट मिला है, इस सेक्टर की ग्रोथ अप्रैल-जून, 2018 के दौरान 10.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। वहीं एक साल पहले यानी अप्रैल-जून, 2017 में यह आंकड़ा सिर्फ 0.1 प्रतिशत रहा था।
आरबीआई ने जताया था 7.4 प्रतिशत दर का अनुमान
आरबीआई ने अपनी 2017 की वार्षिक रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर के 7.4 प्रतिशत रहने का अंदाजा लगाया था। लेकिन रुपये की लगातार गिरती कीमत और वैश्विक व्यापार युद्ध का भारत पर थोड़ा प्रभाव पड़ने के अनुमान के बीच देश ने 8.2 फीसदी की आर्थिक विकास दर दर्ज किया।
चीन से आगे निकला भारत?
ताजा जीडीपी आंकड़ों से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत को देखा जा सकता है। बता दें कि हाल ही में चीन ने दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ दर्ज की है। चीन में जनवरी से दिसंबर का वित्तीय कैलेंडर लागू है, वहीं भारत में अप्रैल से मार्च का वित्तीय कैलेंडर चलता है।