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बैड बैंक के लिए 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी मंजूर, कैबिनेट ने दी मंजूरी

सरकार ने नैशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड यानी बैड बैंक द्वारा जारी किए जाने वाली सिक्योरिटी...
बैड बैंक के लिए 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी मंजूर, कैबिनेट ने दी मंजूरी

सरकार ने नैशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड यानी बैड बैंक द्वारा जारी किए जाने वाली सिक्योरिटी रिसीट्स के लिए 30,600 करोड़ रुपये की गारंटी को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ-साथ हम इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड की भी स्थापना कर रहे हैं। एऩएआरसीएल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी 51 फीसदी होगी। वहीं, पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीयुशन्स की हिस्सेदारी 49 फीसदी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 6 वित्त वर्ष में बैंकों ने 501479 करोड़ रुपये रिकवर किए हैं। इसमें से 3.1 लाख करोड़ रुपये मार्च 2018 के बाद रिकवर किए गए हैं। 2018-19 में 1.2 लाख करोड रुपये 1.2 लाख करोड़ रुपये रिकवर किए गए। इनमें रिटर्न ऑफ मनी भी शामिल है। इस दौरान भूषण स्टील और एस्सार स्टील जैसी कंपनियों के बट्टे खाते में डाले गए ऋण को भी वसूल किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी गारंटी से बैंकों को अपनी एसेट्स को एऩएआरसीएल  को बेचने में ज्यादा आत्मविश्वास आएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ऋण के तेजी से समाधान के लिए 6 नए डीआरटी (डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल) गठित किए हैं। साथ ही इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड भी बनाई जा रही है। इसमें सरकारी बैंकों की 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी और बाकी हिस्सा निजी बैंकों का होगा। रिजर्व बैंक एआरसी लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2017-18 में सरकार ने बैंकों में 90 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी। 2018-19 में यह राशि 1.06 लाख करोड़ रुपये थी। इसी तरह 2019-20 में 70 हजार करोड़ और 2020-21 में 20 हजार करोड़ रुपये बैंकों में डाले गए। इस वित्त वर्ष में भी 20 हजार करोड़ रुपये बैंकों में डालने की योजना है।

वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण में बैड बैंक स्थापित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि एक एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और एसेट मैनेजमेंट कंपनी स्थापित की जाएगी जो दबावग्रस्त कर्ज को लेगी।

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