सरकार ने पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दाम से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती की संभावनाओं को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा है कि राजस्व वसूली में किसी तरह की कटौती की उसके समक्ष बहुत कम गुंजाइश है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के चलते आयात महंगा हो रहा है। सरकार को लगता है कि इससे चालू खाते का घाटा लक्ष्य से ऊपर निकल सकता है ऐसे में वह पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करके राजकोषीय गणित के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहती। अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर ये विचार व्यक्त किए।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार को नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। इस दौरान भारतीय मुद्रा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 71.87 के रिकार्ड निम्न स्तर तक गिर गई, जिसकी वजह से आयात महंगा हो गया।
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79.31 रुपये प्रति लीटर की रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। वहीं डीजल का दाम 71.34 रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस तेजी को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग उठी है। इन दोनों ईंधन के दाम में करीब आधा हिस्सा, केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा लिए जाने वाले कर का होता है।
पेट्रोल, डीजल के दाम में निरंतर वृद्धि पर टिप्पणी करते हुए, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा: "पेट्रोल, डीजल की कीमतों में निरंतर वृद्धि अपरिहार्य नहीं है, क्योंकि ईधनों पर अत्यधिक करों की वजह से दाम ऊंचे हैं। यदि करों में कटौती की जाती है, तो कीमतें काफी कम हो जाएंगी।"
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हम पहले से ही जानते हैं कि चालू खाते के घाटे पर असर होगा। यह जानते हुए हम राजकोषीय घाटे के संबंध में कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं, हमें इस मामले में समझदारी से फैसला करना होगा।"
राजकोषीय घाटे का मतलब होगा आय से अधिक व्यय का होना जबकि चालू खाते का घाटा देश में विदेशी मुद्रा प्रवाह और उसके बाहरी प्रवाह के बीच का अंतर होता है। चुनावी वर्ष में सरकार सार्वजनिक व्यय में कटौती का जोखिम नहीं उठा सकती है। इसका विकास कार्यों पर असर होगा।
पेट्रोल पर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये है एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके ऊपर राज्य वैट वसूलते हैं। सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच नौ किस्तों में पेट्रोल पर 11.77 रुपए और डीजल पर 13.47 रुपए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। इसके बाद पिछले साल अक्टूबर में सिर्फ एक बार इसमें दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी।
टैक्स घटे तो काफी कम हो सकती है कीमत: चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने कहा कि यदि टैक्स में कटौती होती है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी कम हो सकती हैं। उन्होंने इन दोनों ईंधन को जीएसटी में शामिल करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा, ‘केंद्र सरकार मूल्य वृद्धि के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहरा रही है। भाजपा भूल जाती है कि 19 राज्यों में उसकी सरकार है।’