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किश्तवाड़ : बादल फटने की त्रासदी में 60 शव बरामद, लापता लोगों की संख्या का आंकलन जारी

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि गुरुवार को किश्तवाड़ जिले के चशोती...
किश्तवाड़ : बादल फटने की त्रासदी में 60 शव बरामद, लापता लोगों की संख्या का आंकलन जारी

जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि गुरुवार को किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद लगभग 60 शव बरामद किए गए हैं और लापता लोगों की संख्या का अभी भी पता लगाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्य जोरों पर है तथा सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, "करीब 60 शव बरामद किए गए हैं। लापता लोगों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। बचाव और राहत अभियान समाप्त होने के बाद, हम जांच करेंगे कि क्या प्रशासन कोई एहतियाती कदम उठा सकता था, जब मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की थी और लोगों को ज़रूरत न होने पर बाहर न निकलने की सलाह भी दी थी। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन द्वारा बचाव अभियान जारी है। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।"

भाजपा नेता एवं विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा ने आगे आने वाली चुनौती के पैमाने पर प्रकाश डाला।शर्मा ने कहा, "हमारी सबसे बड़ी चुनौती मलबा हटाना और बह गए तथा लापता लोगों को ढूंढना है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब तबाही मची, तब लंगर (सामुदायिक रसोई) में लगभग 300 लोग मौजूद थे।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।उन्होंने कहा कि बचाव दल शनिवार को मलबा हटाने और फंसे हुए लोगों की तलाश करने का प्रयास करेंगे।उन्होंने कहा, "प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं, पानी और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं तथा दिन में दो बार उनसे अपडेट ले रहे हैं।"

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस, नागरिक प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर चशोती गांव में विनाशकारी बादल फटने के बाद व्यापक खोज और बचाव अभियान शुरू किया।यह घटना मचैल माता यात्रा के मार्ग पर लगभग 12:45 बजे घटी, जिससे क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई और व्यापक विनाश हुआ, जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों और स्थानीय लोगों की जान चली गई।

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