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एच-1बी वीजा पर वसूली फीस से अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहा है अमेरिका

बेहतर नौकरी के लिए भारतीय कर्मचारी अमेरिका जाते हैं। अमेरिका समय-समय पर नौकरी के लिए आने वाले...
एच-1बी वीजा पर वसूली फीस से अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे रहा है अमेरिका

बेहतर नौकरी के लिए भारतीय कर्मचारी अमेरिका जाते हैं। अमेरिका समय-समय पर नौकरी के लिए आने वाले कर्मचारियों के एच-1बी वीजा की फीस बढ़ाता रहा है। वह भारतीय कर्मचारियों समेत सभी विदेशी कर्मचारियों के वीजा फीस का पैसा से अपने यहां युवाओं को ट्रेनिंग पर खर्च कर रहा है ताकि वे कर्मचारियों के तौर पर कंपनियों के लिए कुशल बन सकें। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने कहा है कि इस वीजा की फीस से एकत्रित धन से अमेरिकियों में कौशल की कमी दूर करने के लिए महत्वकांक्षी एप्रेंटिस प्रोग्राम चला रहा है।

आइटी प्रोफेशनल्स में लोकप्रिय है एच-1बी वीजा

एच-1बी वीजा प्रोग्राम के तहत विदेशी कर्मचारियों अमेरिका में अस्थायी तौर पर नौकरी करने की अनुमति मिलती है। हाई स्किल वाले कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर वीजा दिया जाता है। भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स में एच-1बी वीजा बहुत लोकप्रिय है। यह वीजा पाने वालों में भी भारतीय प्रोफेशनल आगे रहते हैं।

अनेक एप्रेंटिसशिप प्रोग्राम चलाए हैं अमेरिका ने

रॉस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने उद्योग मान्यता प्राप्त नया एप्रेंटिसशिप सिस्टम शुरू किया था। इसमें नियोक्ता द्वारा ही ट्रेनिंग दी जाती है। इस प्रोग्राम का विस्तार करने की योजना है। सरकारी फंडिंग से ट्रैवल एंड ट्यूरिज्म इंडस्ट्री में नया एप्रेंटिसशिप प्रोग्राम शुरू करने में मदद मिलेगी। रॉस के अनुसार श्रम विभाग को करीब 30 एप्रेंटिसशिप अनुदानों के लिए 10 करोड़ डॉलर दिए गए हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया कि इन प्रोग्रामों की फंडिंग विदेशी कर्मचारियों के एच-1बी वीजा के लिए कंपनियों द्वारा जमा कराई जाने वाली फीस से की जा रही है। अमेरिकी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने के लिए वीजा फीस से अनुदान दिया जा रहा है।

वीजा के लिए वसूली फीस लौटानी होगी कैलीफोर्निया की कंपनी को

एक अमेरिकी कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह अपने दो कर्मचारियों से 58,815 डॉलर वापस करे। फेडरल जांच में कंपनी को एच-1बी वीजा की गाइडलाइन के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। ट्रंप प्रशासन इस लोकप्रिय वीजा प्रोग्राम पर कई तरह की सख्ती कर रहा है। श्रम विभाग की जांच में पता चला कि कैलीफोर्निया की कंपनी लॉगिन कंसल्टिंग सर्विसेज इंक ने एक कर्मचारी से वीजा पिटीशन फीस अवैध रूप से वसूली। कानून के मुताबिक यह फीस नियोक्ता को लौटानी होगी।

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