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औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र की लीजिंग गतिविधियों में 2018 में होगी 17% बढ़ोतरीः सीबीआरइ

भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कंसल्टिंग कंपनी सीबीआरइ साउथ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार को 2018 एशिया...
औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र की लीजिंग गतिविधियों में 2018 में होगी 17% बढ़ोतरीः सीबीआरइ

भारत की अग्रणी रियल एस्टेट कंसल्टिंग कंपनी सीबीआरइ साउथ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार को 2018 एशिया पैसेफिक रियल एस्टेट मार्केट आउटलुक इंडिया के निष्कर्ष जारी किए। यह रिपोर्ट हर साल सीबीआरइ द्वारा जारी जाने वाली वैश्विक शोध सीरीज का हिस्सा है, जो अगले वर्ष के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र में विभिन्न हिस्सों में रुझान और गतिशीलता के बारे में जानकारी देती है।

रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में लीजिंग गतिविधियों के 2018 में 20 मिलियन स्क्वायर वर्ग फुट तक पहुंच जाने का अनुमान है। यह 2017 की तुलना में 17 फीसदी अधिक है। इस क्षेत्र ने पिछले कुछ साल में काफी तेजी हासिल की है। लीजिंग का आंकड़ा 2016 में 10 लाख मिलियन स्क्वायर वर्ग फुट पहुंचा था जो 2017 में बढ़कर 17 मिलियन स्क्वायर वर्ग फुट हो गया। यह इस बात का संकेत था कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जो असर थोड़े समय के लिए पड़ा था वह खत्म हो गया है।

ऑफिस मार्केट में भी पिछले दो साल मेंमजबूती

भारत के ऑफिस मार्केट में भी पिछले दो साल में मजबूत गतिविधि दर्ज की गई है। 2016 में ऑफिस का कुल स्टॉक 500 मिलियन स्क्वायर वर्ग फुट को पार कर गया था उसके 2018 के अंत तक 600 मिलियन स्क्वायर वर्ग फुट पार जाने की उम्मीद है। यह पिछले दो साल में 20 फीसदी की छलांग है।

असल में, सीबीआरइ को यह अनुमान है कि भारत में अगले दो वर्षों में पट्टेदार लीजिंग ऑफिस स्पेस पर लगभग 48 मिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च करेंगे जबकि छह बिलियन अमेरिकी डॉलर की नई व्यावसायिक संपत्ति पूरी की जाएगी। अगर निवेश के दृष्टिकोण से देखें तो पारदर्शिता बढ़ने और कई नियामक सुधारों के सफल कार्यान्वयन से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है।

परिवर्तन का साल होगा 2018ः अंशुमान मैगजीन

सीबीआरइ को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट में पूंजी का प्रवाह बढ़ने के साथ ऑफिस, रिटेल, इंडस्ट्रियल और लैंड पार्सल की गतिविधियां तेज होंगी जिससे रियल एस्टेट इजाफे का गवाह बनेगा।

सीबीआरइ के इंडिया एंड साउथ ईस्ट एशिया के चेयरमैन अंशुमान मैगजीन कहते हैं, “हम उम्मीद करते हैं कि 2018 भारत में रियल एस्टेट के इकोसिस्टम के लिए परिवर्तन का साल होगा। प्रमुख शहरों तक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास, इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार, इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए ध्यान और पारदर्शिता में बढ़ोतरी बाजार की गतिशीलता में बदलाव ला रहे हैं। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले रियल एस्टेट सेक्टर के पास देश के विकास की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए बहुत बड़ा अवसर है।”

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