आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ई-टिकट खरीदना महंगा पड़ेगा। भारतीय रेलवे ने तय किया है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट खरीदने वालों से फिर से सर्विस चार्ज लेना शुरू किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस आशय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। सर्विस चार्ज कब से लागू होगा और कितना लगेगा, अभी यह तय होना बाकी है। इस सर्विस चार्ज पर सर्विस टैक्स भी लगेगा। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के मकसद से करीब 3 साल पहले आईआरसीटीसी ने अपनी वेबसाइट पर टिकट बुक करने वालों से सर्विस चार्ज वसूलना बंद कर दिया था।
रेलवे बोर्ड ने दी प्रस्ताव को मंजूरी
3 अगस्त 2019 को रेलवे बोर्ड की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि आईआरसीटीसी ने ई-टिकट की बुकिंग पर सर्विस चार्ज फिर से वसूलने के मामले में अपना पक्ष विस्तार से रखा। संबंधित अथॉरिटी ने इस पर गौर किया। वित्त मंत्रालय ने भी कहा कि सर्विस चार्ज खत्म करने की स्कीम अस्थायी थी और रेल मंत्रालय अब फिर से सर्विस चार्ज वसूलना शुरू कर सकता है। रेलवे बोर्ड के पत्र के अनुसार वित्त मंत्रालय की सलाह को ध्यान में रखते हुए संबंधित अथॉरिटी ने फैसला किया है कि आईआरसीटीसी ई-टिकट पर सर्विस चार्ज दोबारा लगाने का फैसला कर सकता है। आईआरसीटीसी को सर्विस चार्ज की रकम तय करने का भी अधिकार होगा।
पहले एसी टिकट पर 40 रुपये, नॉन-एसी पर 20 रुपये सर्विस चार्ज था
अधिकारियों का कहना है कि सर्विस चार्ज खत्म किए जाने के बाद आईआरसीटीसी के इंटरनेट टिकट रेवेन्यू में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 26 फीसदी गिरावट आई थी। आईआरसीटीसी नॉन-एसी टिकट पर 20 रुपये और एसी टिकट पर 40 रुपये सर्विस चार्ज वसूलता था। अभी यह तय नहीं है कि सर्विस चार्ज जब दोबारा लागू होगा तो वह कितना होगा। आईआरसीटीसी चाहे तो सर्विस चार्ज की पुरानी रकम लागू कर सकता है और वह चाहे तो इसे बढ़ा भी सकता है।
नोटबंदी के बाद खत्म किया गया था सर्विस चार्ज
गौरतलब है कि नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। तब इसके जो लक्ष्य बताए गए थे उनमें एक डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना भी था। इसके बाद आईआरसीटीसी ने सर्विस चार्ज को अस्थायी रूप से खत्म करने की बात कही थी। 2017-18 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि आईआरसीटीसी के ई-टिकट पर सर्विस चार्ज हमेशा के लिए खत्म करने का फैसला किया गया है। हालांकि सर्विस चार्ज खत्म किए जाने के बावजूद टिकट खरीदने वालों को पेमेंट गेटवे चार्ज देना पड़ता था।
सर्विस चार्ज के एवज में आईआरसीटीसी को मिली थी रकम
सर्विस चार्ज हटाने के एवज में 2017-18 के बजट में आईआरसीटीसी को 88 करोड़ और 2018-19 के बजट में 120 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया था। आईआरसीटीसी ने 2016-17 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि सर्विस चार्ज हटाए जाने से कंपनी के टर्नओवर में 220 करोड़ रुपये की कमी आई है।