आईटीसी के चेयरमैन और सीईओ रहे वाई सी देवेश्वर का आज सुबह निधन हो गया। वह 72 साल के थे। वाई सी देवेश्वर लंबे समय से कई गंभीर बिमारियों से जूझ रहे थे। देवेश्वर 1996 में आईटीसी के सीईओ और चेयरमैन पद के लिए नियुक्त किए गए थे और तब से वह देश में सबसे लंबे समय तक सीईओ रहने वाले व्यक्ति हैं। आईटीसी पहले सिर्फ सिगरेट ही बनाती थी लेकिन 2003 में एफएमसीजी सेगमेंट में प्रवेश किया। कंपनी के ब्रांडेड पैकिंग वाले खाद्य पदार्थों के उत्पादों की सूची में आशीर्वाद आटा, बिंगो चिप्स और सनफीस्ट बिस्कुट के अलावा नूडल्स में यप्मी आदि हैं।
कंपनी का बदला चेहरा
आईटीसी जो पहले ज्यादातर तम्बाकू के कारोबार में शामिल थी, बाद में कृषि, एफएमसीजी और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर्स में आई और अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसका श्रेय वाई सी देवेश्वर को जाता है। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए वाई से देवेश्वर को भारत सरकार ने ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया है।
वर्ष 1968 में ट्रेनी के तौर पर हुए थे शामिल
देवेश्वर सन 1968 में इंडियन टोबैको कंपनी (आईटीसी) में एक ट्रेनी के तौर पर शामिल हुए। वर्ष 1972 में उन्हें कोलकाता में कंपनी मुख्यालय का सलाहकार बनाया गया। वर्ष 1984 में उन्हें आईटीसी में एक निदेशक बनाया गया और 1996 के बाद से वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईटीसी फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। वाईसी देवेश्वर आईटीसी के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवारत अध्यक्ष रहे। वर्ष 1991 में उन्हें एयर इंडिया का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चुना गया था। उन्हें साल 2011 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया।
आज हर क्षेत्र में आईटीसी का नाम
योगेश चंद्र देवेश्वर ऐसे समय शामिल हुए थे, जब कंपनी की आर्थिक हालात काफी खराब थी। अपने चार दशकों से अधिक के कार्यकाल में उन्होंने आईटीसी के उत्पादों का विस्तार कई नए क्षेत्रों में किया। देवेश्वर आईटीसी में ऐसे समय पर शामिल हुए जब कंपनी अपने कारोबार में डाइवर्सिफिकेशन लाने की कोशिश कर रही थी पर इस दिशा में किये गए लगभग सारे प्रयोग फेल हो चुके थे। इससे साख के साथ-साथ कंपनी को पैसे का भी घाटा हुआ था लेकिन आज आईटीसी फूड, पर्सनल केयर, ब्रांडेड अपैरल, सिगरेट, होटल, एग्री-बिजनेस हो या फिर आईटी क्षेत्र, आईटीसी हर क्षेत्र में मौजूदगी रखती है। 24 अगस्त 1910 में तंबाकू कंपनी के रूप में शुरू हुई कंपनी आज देश की सबसे बड़ी डायवर्सिफाइड कंपनी है।
आईआईटी दिल्ली से की पढ़ाई
वाई सी देवेश्वर ने आईआईटी दिल्ली और हावर्ड बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी। देवेश्वर 1968 में कंपनी से जुड़े थे और 1984 में आईटीसी के निदेशक नियुक्त किए गए थे। फिर वे 1996 जनवरी में आईटीसी के सीईओ और चेयरमैन बने। जुलाई 2011 में उन्हें पांच साल के लिए चेयरमैन बनाने की घोषणा की गई थी। उन्होंने 2017 में पद छोड़ दिया था।