दरअसल, कंपनी का कहना है कि जूनियर पायलटों को सैलरी में कटौती के लिए तैयार रहना चाहिए या फिर वे नौकरी छोड़ सकते हैं। कंपनी ने कहा कि वह अपनी फ्लीट को मजबूती प्रदान करने और नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ऐसा कदम उठाने जा रही है। इस महीने की शुरुआत में पायलटों को भेजे पत्रों में जेट एयरवेज ने कहा था कि जूनियर पायलट स्टाइपेंड या फिर सैलरी में कटौती के लिए तैयार रहें।
मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी 1 अगस्त से एयरलाइन इस योजना पर काम शुरू कर सकती है। कंपनी की इस योजना से जेट एयरवेज के करीब 400 पायलट प्रभावित होंगे। पायलटों के साथ जेट एयरवेज खाड़ी क्षेत्र में अपने नेटवर्क को मजबूत करने और विमानों की संख्या बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है।
गौरतलब है कि इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी सस्ती उड़ान सेवा देने वाली कंपनियों से कड़ी टक्कर झेल रहे जेट एयरवेज को पिछले कई महीनों लगातार अपनी बढ़त गंवानी पड़ी है। यह कंपनी इंटरनैशनल मार्केट में तेल की कीमतें कमजोर होने के चलते रेवेन्यू के संकट से गुजर रही है।