भले ही यह मेला नार्थ इंडिया के लोगों के लिए है, लेकिन यहां पर साउथ इंडिया के कारोबारी भी अपनी ज्वैलरी और जैम को प्रदर्शित करने पहुंचे हैं। कई अन्य देशों के भी कारोबारी यहां अपनी जैम को प्रदर्शित किया है। इसका आयोजन यूबीएम इंडिया ने किया है। इसमें 300 से ज्यादा ब्रांड्स ने हिस्सा लिया है। यूबीएम इंडिया के एमडी योगेश मुद्रास ने बताया इस प्रदर्शनी में में आभूषणों के थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता, आयातक और निर्यातक, आभूषण निर्माण, हीरे, रत्नों और मोतियों के आपूर्तिकर्ता, कारोबारी, कीमती पत्थरों के कारोबारी और आपूर्तिकर्ता तथा सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि एक ही छत के नीचे इक्कठा हैं। इस मेले में स्टार्टअप इंडिया की झलक भी देखने को मिल रही है। इस फेयर का उद्घाटन जीआईए इंडिया एंड मिडल ईस्ट की एमडी निरूपा भट्ट, दिल्ली बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राम अवतार वर्मा, सचिव योगेश सिंघल ने की।
निरूपा भट्ट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ज्वैलरी का ट्रेंड तेजी से बदला है, युवा वर्ग पर जिस तरह वेस्टन कल्चर हावी हुआ है, उसी तरह ज्वैलरी भी हल्की और छोटी हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इस सैक्टर को महिला शक्ति की जरूरत है। ज्वैलरी के प्रति महिलाओं की दिवानगी इस सेक्टर को बूस्टअप कर सकता है। बुलियन एसोसिएशन के सचिव योगेश सिंघल ने कहा यही वह सेक्टर हैं जिसमें चीन नहीं घुस पाया है। स्टोन, कुंदन, जड़ाऊ जैसे जेवरातों का बाजार तेजी से उभरा है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार का ज्वैलरी उद्योग पर सख्त हुई है। पिछले दिनों की हड़ताल के बाद भी कुछ असर नहीं हुआ। वह कहते हैं कि यह उद्योग नहीं चाहता है कि सरकार और उद्योग के बीच ‘ब्यूरोक्रेसी’ आए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जीएसटी का 2 फीसदी टैक्स ही इस इंडस्ट्रीज पर लगाया जाए। इस मेले में रीटेल ज्वैलर्स गिल्ड अवाडर््स का भी आयोजन किया जा रहा है। इस साल की पुरस्कार श्रेणियों में ‘स्टोर ऑफ द ईयर’, ‘एम्प्लॉयर ऑफ द ईयर’, ‘मोस्ट इनोवेटिव मार्केटिंग कैम्पेन’, ‘एक्सीलेंस इन कस्टमर सर्विस’, और ‘एक्सीलेंस इन डिजाइन’ शामिल है। इसके अलावा शानदार आभूषणों के प्रदर्शन के लिए मंच पर एक विशेष फैशन शो का भी आयोजन किया जाएगा।