भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बैंगलोर में आयोजित एल.एम. काटरे मेमोरियल व्याख्यान में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू जेट और एक बड़े विमान को मार गिराया था। यह विमान संभवतः एडब्ल्यूएसीएस (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल) या ईएलआईएनटी श्रेणी का था। उन्होंने इसे अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा मार गिराने वाला हमला करार देते हुए कहा कि इसमें एस-400 मिसाइल प्रणाली ने निर्णायक भूमिका निभाई और यह इस ऑपरेशन का “गेम-चेंजर” साबित हुआ। ऑपरेशन सिंदूर 7 से 10 मई 2025 के बीच चला था और इसका उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था।
वायुसेना प्रमुख के मुताबिक एस-400 की व्यापक रेंज ने पाकिस्तानी विमानों को उनकी पूरी क्षमता का उपयोग करने से रोक दिया और हमले की प्रभावशीलता इतनी थी कि पाकिस्तान को यह समझ आ गया कि अगर संघर्ष लंबा चला तो उसे और भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इस वजह से कुछ ही दिनों में युद्धविराम का रास्ता खुल गया। अमर प्रीत सिंह ने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन में राजनीतिक इच्छाशक्ति और सैन्य कमान को दी गई स्वतंत्रता ने योजना और निष्पादन को बेहद आसान बनाया। भारत ने किसी भी तरह की अति-प्रतिक्रिया से बचते हुए विवेकपूर्ण और सटीक रणनीति अपनाई। गवाहों और मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से भी यह बात सामने आई कि भारत ने कम से कम पांच लड़ाकू जेट और एक बड़े विमान को सीमा पार से मार गिराया था, जिससे इस दावे की विश्वसनीयता बढ़ती है।
इस ऑपरेशन से पहले ही रक्षा सचिव आर.के. सिंह ने साफ कर दिया था कि भारत के राफेल जेट्स को कोई नुकसान नहीं हुआ और पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे दावों, खासकर फ्रांस के एयर चीफ से जुड़े बयानों की पुष्टि नहीं होती। अमर प्रीत सिंह ने यह भी याद दिलाया कि भारतीय वायुसेना के लिए पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस तक पहुंचना और वहां पर सटीक हमला करना एक लंबे समय से सपना रहा था, जिसे इस ऑपरेशन में पूरा किया गया। उन्होंने कहा कि एस-400 के शामिल होने से भारत की वायु रक्षा क्षमता में एक नई ऊंचाई आई है और यह केवल रक्षा ही नहीं, बल्कि रणनीतिक आक्रामकता में भी सक्षम है। कुल मिलाकर ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की तकनीकी क्षमता, सटीक योजना, और निर्णायक सैन्य कार्रवाई की छवि को मजबूत किया, साथ ही पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि भारत अपनी सीमाओं और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।