ईबी-5 वीजा वर्तमान में सबसे तेज क्वालीफाइंग प्रक्रियाओं में से एक है जिससे निवेशकों को संयुक्त राष्ट्र में स्थायी रेजिडेंसी प्राप्त होती है। लेकिन ऐसा अनुमान है कि ईबी-5 प्रोग्राम में 30 सितंबर तक नीतिगत बदलाव हो सकते हैं। न्यूनतम निवेश राशि 500,000 डॉलर से बढ़कर 925,000 डॉलर होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में इस वीजा के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। जानकार भी इस बदलाव से पहले निवेशकों को जल्द ही ईबी-5 प्रोग्राम में आवेदन करने की सलाह दे रहे हैं।
क्या है ईबी-5 वीजा?
ईबी-5 वीजा सबसे तेज क्वालीफाइंग प्रक्रियाओं में से एक है जिससे निवेशकों को संयुक्त राष्ट्र में स्थायी रेजिडेंसी प्राप्त होती है। यह वीजा निवेशक, पत्नी और 21 साल से कम आयु के अविवाहित बच्चों पर लागू होता है। आवेदक को किसी योग्य परियोजना में ईबी-5 वीजा में 500,000 डॉलर से 1,000,000 डॉलर के बीच निवेश करना होता है। इसके लिए निवेशक को सशर्त ग्रीन कार्ड मिलता है जिसके लाभ ग्रीन कार्ड के समान ही हैं, लेकिन यह सिर्फ दो साल तक वैध रहता है। स्थायी ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए, प्रोजेक्ट को अमेरिकी कर्मचारियों के लिए 10 पूर्णकालिक नौकरियों का निर्माण करना जरूरी होता है।
आवेदन दाखिल करने वालों में भारत तीसरे स्थान पर
भारत वियतनाम और चीन के बाद ईबी-5 वीजा के लिए तीसरा सबसे अधिक आवेदन दाखिल करने वाला देश है। भारत ने ईबी-5 के क्षेत्र में हाल ही में कदम रखा था (2015 के अंत में) और इसकी संख्या में साल दर साल वृद्धि हो रही है।
निवेश से संबंधित वीजा प्रोग्राम उपलब्ध कराने वाली कंपनी कैनएम एंटरप्राइजेज के भारत और मिडिल ईस्ट के वाइस प्रेसिडेंट अभिनव लोहिया ने कहा, “भारत से ईबी-5 वीजा आवेदकों की कुल संख्या 2014 की अपेक्ष्ाा अब दुगुनी से अधिक हो गई है और आवेदकों की संख्या के लिहाज से देश के दुनिया में दूसरे स्थान पर आने की संभावना है। वित्त वर्ष 2017 में, ईबी-5 वीजा के लिए 500 से अधिक भारतीयों ने आवेदन किया, वित्त वर्ष 2016 में यह संख्या 354 और वित्त वर्ष 2015 में 239 थी।
बदलाव से पहले बढ़ी मांग
अभिनव लोहिया ने बताया कि ईबी-5 प्रोग्राम में 30 सितंबर तक नीतिगत बदलाव होने की उम्मीद है। ऐसा अनुमान है कि न्यूनतम निवेश राशि 500,000 डॉलर से बढ़कर 925,000 डॉलर हो जायेगी। उन्होंने कहा, “हमें मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है क्योंकि अधिक से अधिक लोग इस बदलाव के लागू होने से पहले ईबी-5 प्रोग्राम में आवेदन करने के इच्छुक हैं।”